
करनाल में फंदे से लटका मिला युवक: दो मासूमों के सिर से उठा पिता का साया, आत्महत्या की वजह बनी पहेली
The Airnews | करनाल | 9 अप्रैल 2025
हरियाणा के करनाल जिले के आरके पुरम इलाके से आत्महत्या का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। एक 26 वर्षीय युवक ने अपने घर में फंदा लगाकर जान दे दी। मृतक की पहचान पंकज के रूप में हुई है, जो पेशे से मार्केटिंग का काम करता था और एक विवाहित जीवन बिता रहा था। उसके दो मासूम बच्चे हैं, जिनके सिर से अब पिता का साया उठ गया है।
सुबह का मंजर बना मातम
पंकज के छोटे भाई सचिन ने बताया कि जब वह सुबह कमरे में गया, तो पंकज को फंदे से लटका देखा। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शायद उसमें अब भी जान बाकी हो, इसलिए उन्होंने बिना देरी किए उसे फंदे से उतारा और तुरंत निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस को दी गई सूचना
घटना की सूचना मिलते ही जांच अधिकारी अरविंद कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन्हें युवक की आत्महत्या की खबर मिली थी, जिस पर वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया।
परिजनों की हालत बेहद खराब
इस हादसे से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पंकज की पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। सचिन ने बताया कि पंकज सामान्य रूप से व्यवहार करता था, लेकिन हाल के दिनों में वह थोड़ा शांत और गुमसुम रहने लगा था। हालांकि, किसी ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि वह ऐसा बड़ा कदम उठा लेगा।
आत्महत्या के कारण अब तक अस्पष्ट
पुलिस फिलहाल आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। परिजनों के बयान लिए जा रहे हैं और पंकज के मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।
पंकज का पारिवारिक जीवन
पंकज की शादी को कुछ साल हो चुके थे और उसके दो बच्चे हैं—एक बेटा और एक बेटी। वह मार्केटिंग क्षेत्र में कार्यरत था और अधिकतर फील्ड में ही रहता था। परिवार के मुताबिक वह जिम्मेदार और मेहनती इंसान था। उसके इस कदम ने न केवल परिवार को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि मोहल्ले के लोग भी स्तब्ध हैं।
सोशल मीडिया पर शोक
जैसे ही घटना की खबर सोशल मीडिया पर फैली, परिचितों और स्थानीय लोगों ने पंकज के लिए संवेदनाएं प्रकट कीं। कई लोगों ने पोस्ट लिखकर कहा कि वह बहुत ही स्नेही और सहयोगी व्यक्ति था।
प्रशासन से अपील: मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें
इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य की गंभीरता को उजागर कर दिया है। सामाजिक संगठनों और मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि युवाओं में बढ़ती मानसिक तनाव की स्थिति को समझना और समय रहते सहायता प्रदान करना आवश्यक है।