
कुरुक्षेत्र में गेहूं खरीद का औचक निरीक्षण: पूर्व मंत्री सुभाष सुधा ने किसानों को आश्वासन दिया – ‘परेशानी नहीं होने देंगे’
The Air News | कुरुक्षेत्र
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर अनाज मंडी में सोमवार को उस समय हलचल मच गई, जब प्रदेश के पूर्व मंत्री सुभाष सुधा ने मंडी का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण गेहूं खरीद के मौजूदा सीजन की तैयारियों और व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए किया गया। पूर्व मंत्री ने खरीद प्रक्रिया, बारदाना आपूर्ति, लिफ्टिंग व्यवस्था, स्वच्छता, नमी की मात्रा और किसानों की समस्याओं को लेकर अधिकारियों और आढ़तियों से विस्तारपूर्वक बातचीत की। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
नमी की मात्रा बनी चुनौती, 17.4 प्रतिशत नमी पाई गई
मंडी में बिकने के लिए आई एक ढेरी की जांच के दौरान गेहूं में 17.4 प्रतिशत नमी पाई गई। इस पर पूर्व मंत्री सुभाष सुधा ने किसानों से अपील की कि वे अपनी फसल को पूरी तरह सुखाकर ही मंडी में लेकर आएं, ताकि नमी के कारण खरीद प्रक्रिया में कोई बाधा उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की मेहनत का पूरा मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन गुणवत्ता मानकों के पालन में कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
किसानों को मिलेगी पूरी सुविधा: पूर्व मंत्री का भरोसा
पत्रकारों से बातचीत में सुभाष सुधा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद यह निर्देश दिए हैं कि किसानों को खरीद सीजन के दौरान किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बारदाना और ट्रांसपोर्ट को लेकर जो भी समस्याएं सामने आई थीं, उन्हें सुलझाने के लिए संबंधित एजेंसियों से तुरंत बातचीत की गई। अब मंडियों में पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध करवाया जा रहा है और ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था भी अंतिम चरण में है।
प्राथमिकता से होगी खरीद, नहीं होगी कोई देरी
सुभाष सुधा ने स्पष्ट किया कि इस बार खरीद प्रक्रिया में देरी नहीं होने दी जाएगी। मंडी में पर्याप्त ओपन स्पेस (खुली जगह) है और लिफ्टिंग व्यवस्था को बेहतर करने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। ट्रांसपोर्ट का ठेका जल्द फाइनल किया जा चुका है और बारदाना की आपूर्ति भी सुचारू की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार और सभी खरीद एजेंसियों का यह दायित्व है कि किसानों की फसल की समय पर खरीद हो और उन्हें भुगतान में देरी न हो।
अनाज मंडी में व्यवस्थाओं की समीक्षा
निरीक्षण के दौरान पूर्व मंत्री ने मंडी में साफ-सफाई व्यवस्था, फसल की तौल, ढुलाई, किसानों की लाइन व्यवस्था, बारदाने की गिनती और एजेंसियों की उपस्थिति का बारीकी से अवलोकन किया। उन्होंने मंडी सचिव और अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मंडी में किसानों की किसी भी समस्या को गंभीरता से लें और उसे प्राथमिकता के आधार पर हल करें।
सरकार की योजना: किसान को मंडी में सम्मान मिले
पूर्व मंत्री ने कहा कि किसान अन्नदाता है और सरकार का उद्देश्य है कि उसे मंडी में आने पर सम्मान और सुविधा दोनों मिले। उन्होंने मंडी में उपस्थित किसानों से बातचीत भी की और उनकी समस्याओं को ध्यान से सुना। कई किसानों ने बारदाना देरी और खरीद में रुकावट की शिकायत की, जिस पर सुभाष सुधा ने मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश दिए।
बारदाना और लिफ्टिंग के मुद्दे पर अधिकारियों से बातचीत
पूर्व मंत्री ने मंडी सचिव और खरीद एजेंसियों के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि फसल की खरीद में किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने मंडी सचिव को निर्देश दिए कि नमी जांच के बाद ही फसल की तौल हो, ताकि बाद में विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो।
कृषक हितों को सर्वोपरि रखने की प्रतिबद्धता
सुभाष सुधा ने कहा कि सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखती है। चाहे बात न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की हो या खरीद की पारदर्शिता की, सरकार का उद्देश्य यह है कि किसान बिना किसी तनाव के अपनी फसल बेच सके और समय पर भुगतान प्राप्त कर सके। उन्होंने बताया कि मंडियों में निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां से सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
कृषि विभाग और प्रशासन की सक्रियता पर जोर
पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि कृषि विभाग और जिला प्रशासन को चाहिए कि वे गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करें कि वे सूखी और साफ गेहूं ही लेकर मंडी आएं। इससे फसल की गुणवत्ता बेहतर बनी रहेगी और खरीद प्रक्रिया में रुकावट नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि गेहूं की तौल और उठान को लेकर आने वाली शिकायतों के समाधान के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा।