
बाबा साहब को याद कर बोले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल: “अंबेडकर ने कांग्रेस की नहीं मानी बात, इस्तीफा दिया”; वक्फ कानून, मुर्शिदाबाद हिंसा और कांग्रेस पर साधा निशाना
Source: The Airnews | Reporter: Yash
प्रस्तावना: बाबा साहब को लेकर कांग्रेस पर हमला
हरियाणा के करनाल जिले के हैबतपुर गांव में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला। इस मौके पर उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए कांग्रेस की नीतियों और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने अंबेडकर द्वारा कांग्रेस की बात न मानने पर दिए गए इस्तीफे की चर्चा करते हुए उसे आज की राजनीति से जोड़ा। इस कार्यक्रम में उन्होंने वक्फ कानून, मुर्शिदाबाद हिंसा और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दफ्तरों के बाहर कांग्रेस द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया।
बाबा साहब और कांग्रेस: एक ऐतिहासिक दृष्टिकोण
मनोज खट्टर ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर को जब यह एहसास हुआ कि कांग्रेस उनके विचारों और प्रस्तावों को गंभीरता से नहीं ले रही, तो उन्होंने तत्कालीन सरकार से इस्तीफा दे दिया। विशेषकर महिलाओं को संपत्ति में अधिकार देने और समाज में समानता लाने जैसे विषयों पर जब कांग्रेस ने उनका साथ नहीं दिया, तो उन्होंने नैतिकता के आधार पर यह कड़ा कदम उठाया।
खट्टर ने कहा, “बाबा साहब ने धारा 14, 15 और 16 को संविधान में इसीलिए शामिल किया ताकि हर नागरिक को समान अवसर और अधिकार मिल सकें। यह सामाजिक न्याय की नींव थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी की उस समय की कार्यप्रणाली ने इन प्रयासों को कमजोर करने का प्रयास किया।”
आरक्षण और समानता की अवधारणा
खट्टर ने अंबेडकर के सामाजिक न्याय पर दिए गए योगदान को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अंबेडकर ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए आरक्षण की नीति की वकालत की थी। आज भी संविधान के यह प्रावधान देश को सामाजिक समरसता और एकता की ओर ले जाने में सहायक हैं। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह समय-समय पर इन नीतियों के साथ राजनीतिक खेल करती रही है।
मुर्शिदाबाद हिंसा पर चिंता: “साजिशकर्ताओं की हो रही पहचान”
कार्यक्रम में खट्टर ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसक घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए कहा, “कुछ शरारती तत्व समाज में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र सरकार इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुए है। गृह मंत्री अमित शाह खुद इस पूरे घटनाक्रम की निगरानी कर रहे हैं।”
उन्होंने दो टूक कहा कि देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली ताकतों को बख्शा नहीं जाएगा। “गलत प्रचार और अफवाहों के जरिए जनता को भड़काने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी,” उन्होंने चेतावनी दी।
ईडी दफ्तरों के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन: “हताशा की निशानी”
ईडी के दफ्तरों के बाहर कांग्रेस नेताओं द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर मनोहर लाल ने कांग्रेस की मानसिकता पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ वाली स्थिति में पहुंच गई है। उन्हें अब अपने पापों और भ्रांतियों से कोई बचा नहीं सकता। जांच एजेंसियों से डरकर सड़कों पर प्रदर्शन करना यह दर्शाता है कि कांग्रेस के पास अब जनता को देने के लिए कुछ नहीं बचा है।”
खट्टर ने आगे कहा कि कानून सभी के लिए समान है और ईडी अपना कार्य नियमों के अनुसार कर रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जांच एजेंसियों पर राजनीतिक दबाव डालने की कांग्रेस की कोशिश अब काम नहीं आने वाली।
वक्फ कानून पर केंद्रीय मंत्री का बयान: “संसद से होगा फैसला”
वक्फ संपत्तियों पर बढ़ती बहस के बीच केंद्रीय मंत्री से जब सवाल किया गया कि क्या केंद्र सरकार वक्फ कानून में बदलाव कर रही है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि इस पर फिलहाल अध्ययन जारी है। खट्टर ने कहा, “केंद्र सरकार ने संबंधित पक्षों से इस विषय पर सुझाव मांगे हैं। उन्हें समय पर स्पष्टीकरण दे दिया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून बनाने का अधिकार संसद को है, और उसकी व्याख्या करने का काम अदालतों का। हम किसी भी धार्मिक या सामाजिक संस्था के साथ भेदभाव नहीं करते लेकिन अगर कोई कानून समाज में असंतुलन पैदा करता है, तो उसे सुधारना हमारी जिम्मेदारी है।”
कांग्रेस पर बार-बार निशाना: “कुप्रशासन और भ्रष्टाचार का प्रतीक”
मनोज खट्टर ने कांग्रेस को पूरे भाषण का मुख्य निशाना बनाते हुए कहा कि आज कांग्रेस का चेहरा जनता के सामने पूरी तरह उजागर हो चुका है। “चाहे वह आर्थिक घोटाले हों या सामाजिक भेदभाव, कांग्रेस हमेशा से अपनी जिम्मेदारियों से भागती रही है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अंबेडकर के आदर्शों से कुछ सीखना चाहिए। “वो व्यक्ति जिसने जात-पात, धर्म, क्षेत्र और वर्ग से ऊपर उठकर संविधान बनाया, उसने जब कांग्रेस के ढांचे को गलत पाया तो इस्तीफा दे दिया, आज उसी कांग्रेस को संविधान की दुहाई देना शोभा नहीं देता,” उन्होंने जोड़ा।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की बात
कार्यक्रम का समापन करते हुए खट्टर ने कहा कि भाजपा सरकार बाबा साहब के मूल्यों को सच्चे अर्थों में जमीन पर उतारने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने सामाजिक न्याय और विकास दोनों क्षेत्रों में नए आयाम हासिल किए हैं।
खट्टर ने कहा, “हम ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की नीति पर चलकर बाबा साहब के सपनों के भारत को साकार कर रहे हैं। कांग्रेस जैसी पार्टियां इन मूल्यों को तोड़ने की कोशिश करती हैं, लेकिन जनता अब जागरूक है और सच जानती है।”