कैथल की मंडियों में पहले दिन नहीं पहुंची गेहूं: सफाई व्यवस्था भी सही नहीं, अभी तक धान की खरीद-बिक्री कर रहे आढ़ती
कैथल: कैथल जिले की अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों में आधिकारिक रूप से गेहूं की खरीद का कार्य एक अप्रैल से शुरू हो गया है, लेकिन पहले दिन किसी भी मंडी में गेहूं लेकर कोई किसान नहीं पहुंचा। मंडियों में केवल धान के ढेर दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा, सफाई व्यवस्था को लेकर भी मंडी में अभी तक कोई खास सुधार नहीं हो पाया है। हालांकि, स्थानीय प्रशासन और मार्केट कमेटी ने साफ किया है कि अगले सप्ताह से मंडी में गेहूं की उपस्थिति शुरू हो सकती है, और किसानों को 2425 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचने का मौका मिलेगा।
मंडी में धान का ही कारोबार
जैसा कि प्रत्येक वर्ष होता है, इस बार भी गेहूं की खरीद के लिए मंडी में विशेष इंतजाम किए गए थे। लेकिन पहले दिन गेहूं की कोई ढेरी मंडी में नहीं पहुंची। इसके बजाय, मंडी में धान के ढेर देखे गए, क्योंकि अभी भी आढ़ती धान की खरीद-बिक्री कर रहे हैं। यह स्थिति बहुत हद तक धान की खरीद प्रक्रिया के लंबी अवधि तक चलने का संकेत देती है। यह देखा जा सकता है कि धान की खरीद प्रक्रिया में लगे हुए आढ़ती और मजदूर अभी तक धान की ही तौल और लदान में व्यस्त हैं, और गेहूं की तौल के लिए इंतजार किया जा रहा है।
सफाई व्यवस्था की कमी
मंडी में सफाई व्यवस्था की स्थिति भी पूरी तरह से संतोषजनक नहीं है। जब तक धान का लदान पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाता, मंडी में सफाई के काम में कुछ दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं। मंडी में धान का भूसा पड़ा हुआ है, जिसकी सफाई के लिए प्रशासन को और मेहनत करनी होगी। इसके साथ ही अन्य सुविधाओं के बारे में भी चिंता जताई जा रही है, जैसे बिजली, पानी, शौचालयों की व्यवस्था, जो इस समय पूरी तरह से दुरुस्त नहीं हैं।
मार्केट कमेटी के सचिव नरेंद्र ढुल ने कहा कि मंडी में स्थितियों को जल्द सुधारने की कोशिश की जा रही है और सभी व्यवस्थाओं को जल्द दुरुस्त किया जाएगा। उनके अनुसार, मंडी में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी, और इसका ध्यान रखा जाएगा कि किसानों और आढ़तियों को कोई असुविधा न हो।
गेहूं खरीद का अनुमान
कैथल में पिछले वर्ष 17 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की गई थी, और इस बार भी अधिकारियों का अनुमान है कि लगभग इतनी ही खरीद होगी। अधिकारियों के अनुसार, इस साल भी 17 लाख क्विंटल गेहूं की खरीद की संभावना जताई जा रही है, जो मंडी में व्यापार के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। कैथल जिले में गेहूं की खरीद के लिए तीन प्रमुख एजेंसियां कार्यरत हैं: हरियाणा वेयरहाउस, हैफेड और फूड एंड सप्लाई विभाग। ये तीनों एजेंसियां मिलकर खरीद प्रक्रिया को संपन्न कराएंगी।
कैथल जिले में गेहूं की खरीद के लिए तीन मंडियां – नई, पुरानी और अतिरिक्त अनाज मंडी – पहले से तैयार हैं। इसके अलावा, पांच और खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जो किसानों के लिए सुविधाजनक होंगे। ये केंद्र गांव बाबा लदाना, पाडला, गुहना, क्योड़क और फर्श माजरा में स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य किसानों को उनके नजदीकी स्थानों पर गेहूं बेचने की सुविधा देना है, जिससे उन्हें मंडी में आने-जाने में परेशानी न हो।
मार्केट कमेटी की तैयारियां
मार्केट कमेटी के सचिव नरेंद्र ढुल ने इस संबंध में जानकारी दी कि मंडी में सभी व्यवस्थाओं को जल्द दुरुस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आढ़ती अब तक धान की खरीद-बिक्री में व्यस्त हैं, और गेहूं की खरीद प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि मंडी में सफाई व्यवस्था की कमी को जल्द दूर किया जाएगा और धान के भूसे की सफाई की जाएगी।
सचिव नरेंद्र ढुल ने यह भी बताया कि खरीद के लिए एजेंसी को बारदाना, लेबर और ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, बिजली और पानी की व्यवस्था भी जल्दी ठीक की जाएगी।
आगामी खरीद प्रक्रिया और अपेक्षाएं
अब तक के अनुभवों के अनुसार, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गेहूं की खरीद प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू हो सकती है। इससे पहले, मंडी में केवल धान की ही व्यापारिक गतिविधियां चल रही थीं, लेकिन अब गेहूं की खरीद में भी गति आएगी। हरियाणा सरकार द्वारा 2425 रुपये प्रति क्विंटल की दर निर्धारित की गई है, जो किसानों के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है।
इसके अलावा, किसानों और आढ़तियों के लिए बाजार में सही और त्वरित तौल व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन द्वारा पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों और स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इस बार गेहूं की गुणवत्ता भी बेहतर हो सकती है, जिससे खरीद प्रक्रिया में कोई विघ्न नहीं आएगा।
किसानों की स्थिति
कैथल में गेहूं की खरीद से जुड़े किसानों का कहना है कि वे सरकार की द्वारा निर्धारित दर पर अपने उत्पाद को बेचने के लिए तैयार हैं, लेकिन मंडी में व्यवस्थाओं के सुधरने का इंतजार कर रहे हैं। किसानों को उम्मीद है कि जैसे ही मंडी में गेहूं की खरीदी प्रक्रिया शुरू होगी, उन्हें अपने उत्पाद की सही कीमत मिलेगी।
उनका कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से गेहूं की खरीदी में कुछ समस्याएं उत्पन्न हुई थीं, लेकिन इस बार प्रशासन ने सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी की है।