कलायत| 20 घंटे पहले | Sahil Kasoon
विवाद का केंद्र: गांव कमालपुर की श्मशान भूमि
हरियाणा के कैथल जिले के कलायत कस्बे के अंतर्गत आने वाले गांव कमालपुर में श्मशान भूमि को लेकर गंभीर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। इस विवाद में खसरा नंबर 183-184 और खसरा नंबर 133 को लेकर दो पक्षों के बीच टकराव की स्थिति बन चुकी है। विवादित भूमि पर फिलहाल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात है।
विवाद की पृष्ठभूमि
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पहला पक्ष: खसरा नंबर 183-184 की भूमि को परंपरागत श्मशान भूमि बता रहा है।
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दूसरा पक्ष: खसरा नंबर 133 को “मोदनाथ कुटिया” से जोड़ते हुए, उसी भूमि को श्मशान के तौर पर मान्यता देने की मांग कर रहा है।
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कानूनी स्थिति: सरकारी दस्तावेजों के अनुसार विवादित स्थल तालाब की भूमि के अंतर्गत दर्ज है।
निर्माण कार्य बना टकराव का कारण
11 जुलाई को विवादित भूमि पर जब निर्माण कार्य शुरू करने का प्रयास किया गया, तब स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस दौरान तत्कालीन मजिस्ट्रेट एसडीओ नवीन गोयल ने पुलिस सहायता की मांग की ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
बाद में 23 जुलाई को डीसी जगदीश शर्मा के आदेश पर एक अहम बैठक बुलाई गई, जिसमें—
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एसडीएम संजय कुमार
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एसडीएम देवेंद्र शर्मा
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डीएसपी सज्जन कुमार
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तथा संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
इस बैठक का उद्देश्य विवाद का समाधान ढूंढना और शांति बहाली सुनिश्चित करना था।
विवाद के कारण कई बार हो चुकी हैं झड़पें
कमालपुर गांव में यह विवाद कोई नया नहीं है। इससे पहले भी दोनों पक्षों के बीच कई बार हिंसक झड़पें हो चुकी हैं। इन्हीं घटनाओं को ध्यान में रखते हुए स्थानीय पुलिस बल तैनात किया गया है। वर्तमान में वहां शांति बनाए रखने के लिए पुलिस की निगरानी जारी है।
प्रस्तावित निर्माण कार्य
विवाद के समाधान के लिए पंचायत विभाग की देखरेख में खसरा नंबर 183-184 पर निम्नलिखित कार्य प्रस्तावित किए गए हैं—
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दो मुख्य गेटों का निर्माण
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एक चारदीवारी
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एक छप्पर (शेड)
हालांकि, दूसरा पक्ष इस प्रस्तावित कार्य का विरोध कर रहा है और अपना पक्ष मजबूती से रख रहा है।