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Saturday, November 8, 2025

कैथल के बेटे सोनू बिढान सिपाही से बने लेफ्टिनेंट: गांव पहुंचते ही निकला बाइकों और गाड़ियों का काफिला, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

कैथल के बेटे सोनू बिढान सिपाही से बने लेफ्टिनेंट: गांव पहुंचते ही निकला बाइकों और गाड़ियों का काफिला, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

कलायत (कैथल) 15 जून,Sahil Kasoon हरियाणा के कैथल जिले के बालू बिढाण पट्टी गांव का बेटा सोनू बिढान आज पूरे क्षेत्र का गौरव बन गया। भारतीय सेना में सिपाही से लेफ्टिनेंट बने सोनू जब अपने गांव लौटे तो पूरे गांव ने उनका भव्य स्वागत किया। गांव में गाड़ियों और बाइकों का विशाल काफिला निकाला गया। ढोल-नगाड़ों और DJ की धुनों पर नाचते हुए युवाओं ने वीरता के इस प्रतीक को सम्मानित किया।

UPSC SSB परीक्षा पास कर बने लेफ्टिनेंट

सोनू बिढान ने वर्ष 2013 में भारतीय सेना में एक सिपाही के रूप में भर्ती होकर अपनी सेवा शुरू की थी। कठिन परिश्रम, अनुशासन और समर्पण के बल पर उन्होंने UPSC SSB की परीक्षा उत्तीर्ण की और लेफ्टिनेंट पद पर चयनित हुए।

शहीदों को किया नमन

गांव पहुंचने पर सोनू बिढान सबसे पहले शहीद सिपाही करमचंद, शहीद सिपाही नफे सिंह और शहीद कैप्टन पूनम रानी के स्मारकों पर पहुंचे और वहां पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान पूर्व सैनिक वेलफेयर एसोसिएशन कैथल के सदस्य भी उनके साथ मौजूद रहे। इसके बाद सोनू ने गांव के सभी मंदिरों में जाकर आशीर्वाद लिया।

पूर्व सैनिकों ने किया सम्मान

सोनू के घर पहुंचने पर सैकड़ों पूर्व सैनिकों और गणमान्य व्यक्तियों ने उनका फूलमालाओं से स्वागत किया और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। पूर्व सैनिकों ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वे सेना में और ऊंचाइयों तक पहुंचे।

ग्रामीण बच्चों को प्रेरित करने का संदेश

पूर्व सैनिक एसोसिएशन के प्रधान ने कहा कि सोनू जैसे युवा ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए प्रेरणा हैं। अब सिर्फ शहरों से ही नहीं, गांवों से भी युवा सेना, IAS और IPS में चयनित हो रहे हैं। सोनू को आग्रह किया गया कि वे नशा मुक्त और देशभक्त युवाओं को तैयार करने के लिए मार्गदर्शन करें।

विशाल स्वागत समारोह और भंडारे का आयोजन

समारोह के समापन पर गांव में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर कई वरिष्ठ पूर्व सैनिक मौजूद रहे जिनमें प्रमुख रूप से जे डब्ल्यू ओ दलबीर सिंह, लोक गायक सिपाही कर्मवीर फौजी, हवलदार रामेश्वर दास, रिसालदार बलदेव सैनी, सूबेदार सुरजीत सिंह, दफेदार सतपाल सिंह, सूबेदार रतन सिंह, और सैकड़ों अन्य पूर्व सैनिक शामिल थे।

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