कैथल: गांव क्योड़क की राइस मिल में भीषण आग, करोड़ों का चावल और बारदाना राख, शॉर्ट सर्किट से हादसा
The Airnews | कैथल ब्यूरो
हरियाणा के कैथल जिले के गांव क्योड़क में देर रात एक भीषण अग्निकांड में करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया। बरोट रोड पर स्थित जीविशा फूड प्राइवेट लिमिटेड नामक राइस मिल में अचानक आग लग गई, जिससे मिल में रखा चावल, धान और बारदाना जलकर पूरी तरह राख हो गया। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है।
घटना का विवरण: रात 12 बजे के आसपास लगी आग
राइस मिल में यह हादसा रात करीब 12 बजे हुआ। मिल में मौजूद कर्मचारियों ने जब धुएं और आग की लपटें देखीं, तो तुरंत स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग को सूचित किया गया। मौके पर तुरंत ढांड पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुँचीं, लेकिन आग इतनी भीषण थी कि 1-2 गाड़ियों से उस पर काबू नहीं पाया जा सका।
फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियाँ और 3 जेसीबी बुलाई गईं
आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियों को बुलाना पड़ा। साथ ही, तीन जेसीबी मशीनें, कई ट्रैक्टर और एम्बुलेंस भी मौके पर पहुंचाए गए ताकि राहत एवं बचाव कार्य बिना किसी बाधा के जारी रह सके। आग इतनी तीव्र थी कि उसे बुझाने में पूरी रात लग गई।
प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे
घटना की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार अचिन, पटवारी भूप सिंह और फायर ऑफिसर रामेश्वर गिल मौके पर पहुंच गए। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों का निरीक्षण किया।
फायर ऑफिसर रामेश्वर गिल ने बताया कि:
“सूचना मिलते ही हमारी टीम मौके पर पहुंच गई थी। आग काफी भीषण थी, लेकिन समय रहते प्रयास शुरू कर दिए गए थे। अधिकारियों को स्थिति की गंभीरता से अवगत करा दिया गया है।”
मिल मालिक ने बताया 5 करोड़ का नुकसान
मिल के मालिक अमरजीत छाबड़ा ने बताया कि उनकी मिल “जीविशा फूड प्राइवेट लिमिटेड” बरोट रोड पर स्थित है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है। उनका कहना है कि:
“रात में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी और देखते ही देखते चावल, धान और बारदाना सहित सारा स्टॉक जल गया। शुरुआती अनुमान के मुताबिक करीब 5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।”
गनीमत: कोई जनहानि नहीं
इस भीषण आग में जान का कोई नुकसान नहीं हुआ, जो राहत की बात है। मिल में रखे गए लाखों रुपये के खाद्यान्न और बारदाने की हानि के बावजूद सभी कर्मचारी और स्थानीय लोग सुरक्षित हैं।
स्थानीय लोगों की भूमिका
आग लगने के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीण और स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने फायर ब्रिगेड और पुलिस की मदद करते हुए आग पर काबू पाने के प्रयासों में हाथ बँटाया। यह सहयोग आग को फैलने से रोकने में सहायक सिद्ध हुआ।
अब क्या?
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प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू कर दी गई है।
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नुकसान के आकलन और पीड़ित को राहत देने हेतु रिपोर्ट बनाई जा रही है।
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विद्युत विभाग को भी इस संबंध में जानकारी दी गई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।