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Saturday, November 8, 2025

कैथल मंडी में पहुंची गेहूं, खरीद व उठान नहीं:8 अप्रैल से बिक्री शुरू होने का अनुमान, नमी की मात्रा अधिक

 

ट्राली पर चढ़कर गेहूं में नमी की जांच करते अधिकारी - Dainik Bhaskar

                                    ट्राली पर चढ़कर गेहूं में नमी की जांच करते अधिकारी

कैथल मंडी में पहुंची गेहूं, खरीद व उठान नहीं:8 अप्रैल से बिक्री शुरू होने का अनुमान, नमी की मात्रा अधिक

 Source: The Air News | Report: Yash

हरियाणा के कैथल जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक तो शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक इसकी खरीद और उठान शुरू नहीं हो पाया है। इस समय मंडी में आने वाले गेहूं में नमी की अधिक मात्रा पाई जा रही है, जिसके कारण इस बार खरीद प्रक्रिया में देरी हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि गेहूं में नमी की अधिकता के कारण गुणवत्ता का मुद्दा भी गंभीर हो सकता है, इसीलिए खरीद को स्थगित किया गया है।

नमी की मात्रा ज्यादा होने से खरीद में हो रही देरी

कैथल की अनाज मंडियों में गेहूं की आवक इस वर्ष समय से पहले शुरू हो गई है। किसानों ने मंडी में अपनी फसल की ढेरियां लगानी शुरू कर दी हैं। हालांकि, फसल के गुणवत्ता की जांच की प्रक्रिया जारी है, जिसमें सबसे बड़ी समस्या गेहूं में नमी की अधिकता है। इस समय अनाज में नमी की मात्रा अधिक हो गई है, जिससे खरीद प्रक्रिया में अवरोध आ रहा है।

अधिकारियों के अनुसार, नमी की अधिकता से गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है और इससे भंडारण और बिक्री में भी समस्याएं आ सकती हैं। नमी की वजह से गेहूं के दामों में उतार-चढ़ाव भी हो सकते हैं, जिससे किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

8 अप्रैल से बिक्री शुरू होने की संभावना

अधिकारियों का कहना है कि गेहूं की खरीद प्रक्रिया में देरी के बावजूद 8 अप्रैल से मंडी में गेहूं की बिक्री शुरू होने की संभावना है। इस दिन तक गेहूं की नमी की जांच पूरी कर ली जाएगी, और उस समय तक गेहूं की गुणवत्ता की जांच का काम भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद, खरीद और उठान की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।

कैथल मंडी में कुल 1 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद का अनुमान है, और यह कार्य करीब एक महीने तक चलेगा। अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे अपने अनाज को उचित तरीके से सूखा कर मंडी में लाएं ताकि उनकी फसल की गुणवत्ता बेहतर हो और किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

किसानों की चिंता और मंडी में चल रहे उपाय

फसल की गुणवत्ता को लेकर किसानों में भी काफी चिंता है। नमी की अधिकता के कारण इस वर्ष गेहूं की बिक्री और मूल्य निर्धारण पर असर पड़ सकता है। किसानों का कहना है कि अगर नमी की मात्रा कम नहीं होती तो उन्हें अपने अनाज को सस्ते दामों पर बेचना पड़ सकता है, जिससे उनका नुकसान होगा।

मंडी में नमी की मात्रा की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो ट्रालियों पर चढ़कर गेहूं में नमी की जांच कर रही है। यह टीम हर दिन नमी के स्तर का आंकलन कर रही है और किसानों को सूचित कर रही है कि वे अपने अनाज को किस प्रकार से तैयार करें ताकि इसकी गुणवत्ता में कोई समझौता न हो।

नमी की समस्या के कारण परेशान किसान

नमी की मात्रा बढ़ने के कारण किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गेहूं में नमी की अधिकता होने पर किसान मंडी में अपने अनाज को कम दामों पर बेचने के लिए मजबूर हो सकते हैं। इससे उनकी मेहनत और निवेश पर असर पड़ेगा, और उन्हें न्यूनतम मूल्य मिल सकता है।

कैथल के किसान नेता ने कहा कि किसानों को इस समस्या से राहत दिलाने के लिए सरकार को कुछ कदम उठाने चाहिए, जैसे कि किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई देने के लिए मुआवजा दिया जाए और खरीद प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।

विशेषज्ञों की सलाह: गेहूं की गुणवत्ता में सुधार के उपाय

विशेषज्ञों का कहना है कि नमी की समस्या से निपटने के लिए किसानों को अपने गेहूं को ठीक से सुखाने की सलाह दी जा रही है। अगर गेहूं को सही तरीके से सुखाया जाए तो नमी की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे मंडी में उसकी बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

मंडी में अधिकारियों ने भी गेहूं के सही भंडारण और सही तरीके से नमी की जांच करने पर जोर दिया है। इस प्रक्रिया में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।

भविष्य में उम्मीदें और संभावनाएं

अगर 8 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो जाती है, तो किसानों को उम्मीद है कि फसल के बेहतर मूल्य मिलेंगे। हालांकि, उन्हें अपनी फसल की गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहना होगा और नमी की समस्या को सही तरीके से दूर करना होगा।

साथ ही, किसानों को अपने गेहूं को सूखा और सुरक्षित तरीके से मंडी में लाने की सलाह दी गई है ताकि उन्हें अच्छा मूल्य मिल सके और उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

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