कैथल में 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया SHO, आज कोर्ट में पेश

कैथल में 30 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया SHO, आज कोर्ट में पेश
Reporter: Yash
हरियाणा के कैथल जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़े भ्रष्टाचार मामले का खुलासा किया है। गुहला थाने के SHO को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। आरोप है कि आरोपी पुलिस अधिकारी ने एक मारपीट के मामले को रद्द करवाने के बदले रिश्वत ली थी। इस मामले को लेकर एसीबी ने तुरंत कार्रवाई की और एसएचओ को गिरफ्तार कर लिया। अब इस मामले की जांच जारी है और आरोपी पुलिस अधिकारी को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसके रिमांड के लिए एसीबी पूछताछ करेगी।
30 हजार की रिश्वत का मामला
यह घटना तब सामने आई जब एसीबी को एक शिकायत मिली कि गुहला थाना के एसएचओ ने एक मारपीट के मामले में आरोपी को बचाने के लिए रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि एसएचओ ने मामले को रद्द करवाने की पेशकश की और इसके बदले 30 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। इसके बाद एसीबी ने जांच शुरू की और अपनी कार्रवाई को अंजाम दिया।
रिश्वत देने की बात सामने आते ही एसीबी ने जाल बिछाया और एसएचओ को रंगे हाथ पकड़ लिया। एसीबी के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पूरी साजिश को न केवल उजागर किया, बल्कि एसएचओ को उस समय पकड़ लिया जब वह रिश्वत की रकम ले रहा था। इसके बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई।
आरोपी एसएचओ की गिरफ्तारी
गुहला थाने के एसएचओ ने शिकायतकर्ता से 30 हजार रुपये की रिश्वत लेने का प्रयास किया था। इसके बाद एसीबी के अधिकारियों ने गुप्त जानकारी प्राप्त की और पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा ताकि उसके द्वारा की गई अन्य भ्रष्टाचार की गतिविधियों का भी खुलासा किया जा सके।
एसएचओ की गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि हरियाणा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की कार्रवाई प्रभावी हो रही है। एसीबी ने पिछले कुछ महीनों में कई पुलिस अधिकारियों और अन्य सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिससे यह स्पष्ट है कि एसीबी भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
मारपीट का केस रद्द करवाने के लिए रिश्वत
घटना की तफ्तीश में यह सामने आया कि एसएचओ ने एक मारपीट के मामले में आरोपियों को बचाने के लिए रिश्वत मांगी थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक, एसएचओ ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर वह रिश्वत नहीं देंगे, तो मामला दर्ज कर लिया जाएगा और उनकी मुश्किलें बढ़ जाएंगी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने एसीबी को इस मामले की सूचना दी और एसीबी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एसएचओ को रंगे हाथ पकड़ लिया।
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि कैसे पुलिस अधिकारी अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त हो सकते हैं। खासकर जब बात किसी गंभीर मामले की हो, तो पुलिस अधिकारियों का इस तरह का आचरण जनता के विश्वास को कमजोर करता है।
एसीबी की जांच और भविष्य की कार्रवाई
एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि मामले की तफ्तीश अब भी जारी है और एसएचओ की गिरफ्तारी के बाद अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका को भी जांचा जाएगा। एसीबी ने मामले को गंभीरता से लिया है और उम्मीद जताई है कि आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एसीबी के सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान यह भी देखा जाएगा कि क्या एसएचओ ने और भी मामलों में रिश्वत ली थी और क्या उनके खिलाफ कोई अन्य आरोप भी पहले से थे। एसीबी के अधिकारी इस मामले की जांच में पूरी पारदर्शिता बरतने का दावा कर रहे हैं और यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी आरोपी को छोड़ने की बजाय कड़ी कार्रवाई की जाए।
रिश्वतखोरी पर कड़ा संदेश
यह घटना एक बार फिर से यह दर्शाती है कि भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की समस्या केवल राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि पुलिस विभाग में भी गंभीर रूप से मौजूद है। एसीबी द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई से यह संदेश गया है कि अब कोई भी सरकारी अधिकारी या पुलिस कर्मचारी भ्रष्टाचार के जरिए अपनी जेब भरने की कोशिश करेगा तो उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
अनेक बार जनता को यह आरोप लगते हुए सुना गया है कि पुलिस अधिकारी अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हैं और अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ते हैं। इस मामले ने एक बार फिर से उन आरोपों की पुष्टि की है। लेकिन एसीबी की कार्रवाई यह दिखाती है कि अब सरकार भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर है और ऐसे अधिकारियों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा।
कानूनी प्रक्रिया और कोर्ट में पेशी
एसीबी की टीम ने एसएचओ को गिरफ्तार करने के बाद उसे आज कोर्ट में पेश करने का फैसला लिया है। जहां अदालत से रिमांड प्राप्त करने के बाद एसीबी उस पुलिस अधिकारी से पूछताछ करेगी ताकि इस भ्रष्टाचार की कड़ी को और भी आगे बढ़ाया जा सके। आरोपी एसएचओ की कोर्ट में पेशी के बाद उसकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया और भी विस्तृत हो सकती है।
पुलिस अधिकारी को कानूनी प्रक्रिया के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद, उसे सजा मिलने की संभावना है। कोर्ट द्वारा यह तय किया जाएगा कि आरोपी पुलिस अधिकारी के खिलाफ कितनी कड़ी कार्रवाई की जाए।
भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष
हरियाणा में एसीबी की कार्रवाई के बाद यह सवाल भी उठता है कि क्या सरकार और एसीबी के प्रयास भ्रष्टाचार को पूरी तरह से खत्म कर पाएंगे। हालांकि, एसीबी का कहना है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी तरह से संघर्षरत है और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जनता को यह विश्वास दिलाने के लिए कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है, इस तरह के मामलों की जांच और दोषियों को सजा देना अत्यंत आवश्यक है। एसीबी के अधिकारियों ने यह भी कहा कि वह भविष्य में और भी मामलों की जांच करेंगे और कोई भी भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।




