कैथल में कार और कैंटर की टक्कर: युवक की दर्दनाक मौत, साथी घायल
(Sahil Kasoon) सड़क दुर्घटनाएँ आज के समय में आम हो चुकी हैं, लेकिन हर घटना अपने पीछे कुछ सवाल और सीख छोड़ जाती है। हरियाणा के कैथल जिले में 22 मार्च को हुए एक सड़क हादसे में एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उसका साथी घायल हो गया। यह दुर्घटना नेशनल हाईवे 152 डी पर हुई, जहाँ एक कार सिलेंडरों से भरे कैंटर से पीछे से टकरा गई। यह दुर्घटना न केवल पीड़ितों के परिवार के लिए दर्दनाक है, बल्कि यह सड़क सुरक्षा पर भी कई सवाल खड़े करती है। इस लेख में हम इस दुर्घटना से जुड़े सभी पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।
दुर्घटना का पूरा विवरण:
शनिवार सुबह करीब सात बजे लालडू, पंजाब के दो युवक कार में सवार होकर चित्तौड़गढ़, राजस्थान से वापस लौट रहे थे। जब वे कैथल जिले के गांव करोड़ा के पास पहुँचे, तब उनकी कार एक कैंटर से पीछे से टकरा गई।
इस टक्कर में 26 वर्षीय दलजीत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गाड़ी का ड्राइवर गुरध्यान सिंह घायल हो गया। घटना की जानकारी मिलते ही पूंडरी पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और दोनों को इलाज के लिए जिला नागरिक अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद दलजीत सिंह को मृत घोषित कर दिया, जबकि उसके साथी गुरध्यान को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
पुलिस की कार्रवाई:
घायल गुरध्यान सिंह की शिकायत पर पूंडरी पुलिस ने कैंटर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि दुर्घटना ड्राइवर की लापरवाही के कारण हुई या कोई अन्य कारण इसमें शामिल था। हादसे की सटीक वजह का पता लगाने के लिए पुलिस दुर्घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान दर्ज कर रही है।
हादसे के संभावित कारण:
इस दुर्घटना के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:
- ओवरस्पीडिंग: नेशनल हाईवे पर तेज रफ्तार गाड़ियों की संख्या अधिक होती है। अगर कोई वाहन तेज गति से चल रहा हो और अचानक ब्रेक लगानी पड़े तो हादसा हो सकता है।
- ड्राइवर की थकान: सफर लंबा होने के कारण ड्राइवर को नींद आ सकती है या ध्यान भटक सकता है, जिससे ऐसी दुर्घटनाएँ हो सकती हैं।
- कैंटर का अचानक ब्रेक लगाना: यदि कैंटर चालक ने अचानक ब्रेक लगाया हो, तो पीछे आ रही कार को रुकने का समय नहीं मिला होगा।
- सड़क की स्थिति: कुछ हाईवे पर सड़कें खराब होती हैं, जिससे गाड़ियों का संतुलन बिगड़ सकता है।
स्थानीय लोगों की राय:
गांव करोड़ा के पास रहने वाले लोगों का कहना है कि इस हाईवे पर पहले भी कई दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। स्थानीय निवासी सुरेंद्र सिंह ने बताया, “इस इलाके में ट्रकों और बड़े वाहनों की आवाजाही बहुत ज्यादा होती है। कई बार कैंटर चालक अचानक ब्रेक लगा देते हैं, जिससे पीछे आ रहे वाहन को समय पर रुकने का मौका नहीं मिलता।”
एक अन्य निवासी, राकेश कुमार का कहना है, “रात और सुबह के समय ड्राइवरों की थकान एक बड़ी समस्या होती है। सरकार को यहाँ स्पीड ब्रेकर और बेहतर सड़क संकेत लगाने चाहिए।”
सड़क सुरक्षा और संभावित समाधान:
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं:
- सड़क पर अधिक चेतावनी बोर्ड लगाना: हाईवे पर अधिक संकेतक और रेडियम बोर्ड लगाने से वाहन चालक अधिक सतर्क रह सकते हैं।
- स्पीड लिमिट लागू करना: ट्रकों और भारी वाहनों के लिए अलग लेन की व्यवस्था और स्पीड लिमिट लागू की जानी चाहिए।
- ड्राइवरों के लिए आराम स्थल: लंबी यात्रा के दौरान ड्राइवरों के लिए विश्राम स्थलों का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि वे थकान से बच सकें।
- सीसीटीवी निगरानी: हाईवे पर अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण किया जा सके और दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
पीड़ित परिवार का हाल:
इस हादसे के बाद दलजीत सिंह के परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके पिता बलवीर सिंह ने कहा, “हमारे बेटे को सड़क पर हुई एक दुर्घटना ने हमसे छीन लिया। हमें न्याय चाहिए और सरकार को इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।”
गुरध्यान सिंह, जो घायल हुए थे, ने कहा, “हमारे साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ न हो। सरकार को हाईवे पर सुरक्षा उपाय बढ़ाने चाहिए।”