कैथल में नहर में बहता मिला चार महीने का भ्रूण: इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना, जांच में जुटी पुलिस
कैथल | 12 मई 2025 ( Sahil Kasoon )
हरियाणा के कैथल जिले से एक बेहद हृदयविदारक और चिंताजनक मामला सामने आया है। गांव सौंगल और भाना के बीच स्थित नहर में चार महीने का भ्रूण बहता हुआ मिला है। यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि समाज की गहराई में छुपी एक अमानवीय सोच को भी उजागर करती है।
घटना का खुलासा: युवाओं ने नहर में देखा भ्रूण
11 मई को, गांव सौंगल और भाना के कुछ युवक रोज़ की तरह नहर में नहाने के लिए पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने पानी में कुछ अजीब देखा, उनके होश उड़ गए। नहर के बहाव में एक चार महीने का भ्रूण बहता हुआ नजर आया। युवकों ने उसे नहर से बाहर निकाला और तत्काल पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कार्रवाई: अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज
घटना की सूचना मिलते ही राजौंद थाना प्रभारी राजकुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। भ्रूण को तुरंत पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवाया गया। पुलिस ने अज्ञात महिला या व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318 (गर्भपात कर भ्रूण को छिपाने का प्रयास) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
प्राथमिक जांच में चौंकाने वाले तथ्य
पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार, भ्रूण की उम्र लगभग चार महीने है और उसे तीन-चार दिन पहले ही नहर में फेंका गया है। पोस्टमार्टम में यह भी सामने आया कि भ्रूण का कुछ हिस्सा गल चुका था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह लंबे समय से पानी में था।
जीवन रक्षक दल ने किया अंतिम संस्कार
पुलिस के निर्देश पर, जीवन रक्षक दल के सदस्यों ने भ्रूण का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया। यह कदम एक ओर जहां मानवीय संवेदना को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठाता है कि ऐसे मामलों को लेकर समाज की चेतना कब जागेगी?
समाज पर गंभीर प्रश्न
इस घटना ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आखिरकार वह कौन सी मजबूरी या मानसिकता है, जो एक महिला को अपने गर्भस्थ शिशु को इस तरह नहर में फेंक देने पर मजबूर कर देती है? यह न केवल एक अपराध है, बल्कि एक नैतिक पतन की तस्वीर भी है।
क्या यह महिला भ्रूण हत्या का मामला है?
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि भ्रूण स्त्री का था या पुरुष का, लेकिन भारत में लिंग निर्धारण और महिला भ्रूण हत्या की घटनाएं पहले भी समाज को झकझोर चुकी हैं। हरियाणा जैसे राज्य, जहां वर्षों से लैंगिक असमानता एक बड़ा मुद्दा रहा है, वहां इस तरह की घटनाएं चिंताजनक हैं।
कानूनी दायरे में अपराध
ऐसे मामलों में कानून बेहद सख्त है। भ्रूण हत्या भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध है। गर्भावस्था के किसी भी चरण में बिना वैध कारण के गर्भपात कराना या भ्रूण का त्याग करना गंभीर अपराध माना जाता है।
पुलिस की जांच की दिशा
राजौंद थाना पुलिस अब इस घटना की गहराई से जांच कर रही है। गांव के आस-पास की महिलाओं की हालिया गर्भवती स्थिति की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही नहर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि दोषी तक पहुंचा जा सके।
गांव में फैली सनसनी
गांव सौंगल और भाना के बीच की नहर में भ्रूण मिलने से ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल है। लोगों में चर्चा का विषय यह है कि आखिर कौन इतना क्रूर हो सकता है कि चार महीने के मासूम भ्रूण को नहर में बहा दे। गांव के वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं ने इस घटना की निंदा करते हुए प्रशासन से दोषियों को जल्द पकड़ने की मांग की है।
महिलाओं की सुरक्षा और जागरूकता जरूरी
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि हमें न केवल कानूनी स्तर पर बल्कि सामाजिक और मानसिक स्तर पर भी बदलाव लाने की जरूरत है। महिलाओं को उनके अधिकारों और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है।