कैथल में पुलिस ने पकड़े 4 पशु तस्कर:47 पशु कराए गए मुक्त


कैथल में पुलिस ने पकड़े 4 पशु तस्कर:47 पशु कराए गए मुक्त

 Haryana (Sahil Kasoon) कैथल जिले में पशु तस्करी की एक खौफनाक तस्वीर सामने आई, जिसमें दो तेज रफ्तार कैंटरों में 47 जानवरों को क्रूरता से ठूंस-ठूंस कर भर दिया गया था। यह दर्दनाक यात्रा पंजाब से उत्तर प्रदेश की ओर जा रही थी, लेकिन कैथल पुलिस की सतर्कता ने इन बेजुबानों की जिंदगी को नई राह दे दी।

ढांड थाना पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में न सिर्फ चार तस्कर गिरफ्तार किए गए, बल्कि पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके एक बड़ा तस्करी रैकेट भी बेनकाब हुआ है।


 घटनास्थल: पंचमुखी चौक, ढांड – जहां असंवेदनशीलता का पर्दाफाश हुआ

पुलिस सूत्रों के अनुसार, थाना ढांड के एएसआई सुरेश कुमार व सहकर्मी महीपाल की टीम नियमित गश्त के दौरान पंचमुखी चौक पर मौजूद थी। तभी दो आयशर कैंटर अत्यधिक तेज गति और लापरवाही से गुजरते हुए नज़र आए।

पुलिस को वाहन चालकों की गतिविधि संदिग्ध लगी, जिसके चलते दोनों कैंटरों को रुकवाया गया। जांच शुरू होते ही जो दृश्य सामने आया, उसने सभी को झकझोर कर रख दिया।


 क्रूरता की कहानी: जब डंडे चले जानवरों पर और निकलीं दर्दनाक चीखें

दोनों कैंटरों के भीतर के नज़ारे किसी नरक से कम नहीं थे। डाला बॉडी के अंदर पशुओं को इस तरह भरा गया था कि उनमें सांस लेने तक की जगह नहीं थी। हैरत की बात यह थी कि दोनों कैंटरों के अंदर एक-एक व्यक्ति हाथ में डंडा लिए जानवरों को पीटते पाया गया।

इनकी पहचान होते ही यह स्पष्ट हो गया कि यह सिर्फ एक बार की घटना नहीं थी, बल्कि एक संगठित तस्करी गिरोह की गतिविधि थी।


 आरोपी कौन हैं?

पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों की पहचान निम्नानुसार हुई:

पीछे बैठे मारपीट करते व्यक्ति:

  1. कादिर – निवासी: हुसनपुर कलां, जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश

  2. मोहम्मद फुरकान – निवासी: गांव तावली, जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश

कैंटर चालक:

  1. मुनीष मोहम्मद – निवासी: मलेरकोटला, जिला संगरूर, पंजाब

  2. हरजिंद्र सिंह – निवासी: रामनगर मुंडकी, जिला फिरोजपुर, पंजाब

इन चारों आरोपियों को मौके पर ही गिरफ्तार कर थाना ढांड में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया गया।


 47 जानवरों की दर्दभरी यात्रा: एक में 25, दूसरे में 22 पशु

पुलिस जांच के दौरान पता चला कि:

  • पहले कैंटर में 25 पशु (भैंस, कटड़े, कटड़ियाँ)

  • दूसरे कैंटर में 22 पशु ठूंसे हुए थे

जानवरों को इस तरह से बांधकर रखा गया था कि उनकी आंखों में सिर्फ डर और पीड़ा झलक रही थी। कुछ जानवरों की हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें तुरंत इलाज की आवश्यकता थी।


 पशुओं की रिहाई: जब बेजुबानों को मिली आज़ादी

पुलिस ने दोनों कैंटरों से सभी 47 पशुओं को सुरक्षित बाहर निकाला और उन्हें नजदीकी गौशाला में पहुंचाया। जहां चिकित्सकीय जांच के बाद उन्हें शरण दी गई।

कैथल पुलिस ने इस कार्यवाही को बेहद संवेदनशीलता से अंजाम दिया और पशु कल्याण विभाग की मदद से इन जानवरों को उचित देखभाल उपलब्ध कराई।


 क्या है पशु क्रूरता अधिनियम (The Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960)?

इस अधिनियम के तहत किसी भी जानवर के साथ अमानवीय व्यवहार करना, अत्यधिक भार ढोना, मारपीट करना या अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में रखना अपराध माना जाता है।

  • पहली बार अपराध पर 3 महीने तक की सज़ा या जुर्माना

  • बार-बार अपराध पर 2 साल तक की जेल और बड़ा जुर्माना

इस केस में तस्करी, मारपीट और अस्वास्थ्यकर परिवहन तीनों ही दोष मौजूद हैं।


 पशु तस्करी: हरियाणा में बढ़ती एक चिंताजनक प्रवृत्ति

पिछले दो वर्षों में हरियाणा में पशु तस्करी के मामलों में वृद्धि हुई है। खासतौर पर पंजाब से उत्तर प्रदेश ले जाने वाले रूट पर यह गतिविधियां बढ़ रही हैं।

2023 के आंकड़े (The Airnews Internal Report):

  • कुल मामले: 117

  • गिरफ्तारियाँ: 308

  • पशुओं की रिहाई: 2,354

कैथल जैसे शांत जिले में इस तरह के मामले पुलिस की सजगता से ही सामने आ पा रहे हैं।


 पुलिस की सजगता: एक प्रेरणादायक उदाहरण

थाना ढांड की पुलिस टीम ने समय पर कार्यवाही कर एक बड़े गिरोह को पकड़ने में सफलता पाई है। उनकी सतर्कता और त्वरित निर्णय के कारण 47 जानवरों की जान बचाई जा सकी।

एएसआई सुरेश कुमार का बयान:

“हमारी ड्यूटी सिर्फ अपराध रोकना नहीं, बल्कि मासूम प्राणियों की रक्षा भी है। ये कोई सामान्य केस नहीं था, ये करुणा बनाम क्रूरता की लड़ाई थी।”


 आगे की जांच: क्या यह कोई संगठित गिरोह है?

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह एक बड़ा अंतरराज्यीय पशु तस्करी गिरोह तो नहीं है। शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपी नियमित रूप से इस रूट पर काम कर रहे थे।

आरोपियों के मोबाइल डेटा और पिछले ट्रांसपोर्ट रिकार्ड की जांच की जा रही है।


 जनता का सवाल: क्या इस पर लगेगा स्थायी रोक?

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं हुआ। आए दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं परंतु शिकायत के बावजूद कई बार पुलिस संज्ञान नहीं लेती।

The Airnews ने इस पर जनता की प्रतिक्रिया भी ली:

  • गांव चंदाना निवासी मोहनलाल: “हमने कई बार देखा है कि रात में पशु ट्रकों में भर कर निकाले जाते हैं। सरकार को इस पर सख्ती करनी चाहिए।”

  • पशु अधिकार कार्यकर्ता रेखा शर्मा: “इस घटना ने साबित कर दिया कि तस्कर जानवरों को सिर्फ एक व्यापार की वस्तु समझते हैं। यह संवैधानिक अपराध है।”


 समाधान और सुझाव: क्या करें सरकार और समाज?

  1. इंटर-स्टेट चेकिंग सख्त हो

  2. GPS ट्रैकिंग वाली गाड़ियों की अनिवार्यता

  3. पशु कल्याण बोर्ड की निगरानी प्रणाली का सशक्तीकरण

  4. स्थानीय स्तर पर पशु अधिकार जागरूकता अभियान

The AirNews

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