जींद के युवक की अमेरिका में मौत, डंकी के रास्ते गया था US, परिजनों ने शव लाने की प्रशासन से लगाई गुहार

अमेरिका में जींद के युवक की मौत: डंकी रूट से गया था नवीन, अब शव लाने को परिवार प्रशासन से लगा रहा गुहा
Updated: 06 May, 2025 | 05:22 PM
Source: The Airnews | Reporter:Sahil Kasoon (जींद)
💔 35 लाख खर्च कर अमेरिका पहुंचा था नवीन, 3 साल बाद हार्ट अटैक से हुई मौत
हरियाणा के जींद जिले के अलेवा गांव से ताल्लुक रखने वाले युवक नवीन की अमेरिका में मौत की खबर ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है। नवीन ने तीन साल पहले डंकी रूट के जरिए अमेरिका का सफर तय किया था, जिस पर उसके परिवार ने लगभग 35 लाख रुपये खर्च किए थे। लेकिन अब 2 मई 2025 को हार्ट अटैक से उसकी असमय मृत्यु हो गई।
🧳 ‘डंकी रूट’ से अमेरिका पहुंचा था, ट्रक ड्राइवर के रूप में कर रहा था काम
नवीन के भाई बलराज चहल ने बताया कि वर्ष 2022 में परिवार ने भारी कर्ज लेकर नवीन को अमेरिका भेजा था। कुछ पैसे खुद के थे तो कुछ रिश्तेदारों और साहूकारों से ब्याज पर उधार लिए गए थे। अमेरिका पहुंचने के बाद करीब 7–8 महीने की कठिनाई के बाद नवीन को ट्रक ड्राइवर की नौकरी मिली।
📞 मौत से एक रात पहले हुई थी आखिरी बात
बलराज ने बताया कि 1 मई की रात नवीन ने फोन पर कहा कि उसे हाथ में तेज दर्द हो रहा है। उसके दोस्तों ने आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन 2 मई की सुबह यह दुखद सूचना मिली कि नवीन की हार्ट अटैक से मौत हो गई है।
🧍♂️ परिवार की आर्थिक हालत खराब, शव लाने में लगेगा 30 लाख खर्च
अब परिवार को नवीन का शव भारत लाने में लगभग 30 लाख रुपये का खर्च बताया जा रहा है। ऐसे में पहले ही कर्ज में डूबे परिजन प्रशासन से सरकारी सहायता की गुहार लगा रहे हैं। नवीन अपने भाई-बहनों में सबसे छोटा था। उसके परिवार में दो बड़ी बहनें और एक बड़ा भाई है। घर की आय का मुख्य स्रोत मात्र 2 एकड़ कृषि भूमि है।
🆘 परिवार की अपील: शव लाने में सरकार मदद करे
परिवार का कहना है कि उन्हें अब तक कोई सरकारी या राजनैतिक मदद नहीं मिली है। अगर प्रशासन और सरकार से मदद नहीं मिली, तो शव को लाना असंभव हो जाएगा। गांव के सरपंच और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी प्रशासन से अपील की है कि परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए।
🛫 डंकी रूट से अमेरिका जाने का खतरनाक सफर
यह घटना एक बार फिर डंकी रूट से विदेश जाने के खतरों को उजागर करती है। गैरकानूनी तरीके से देशों की सीमा पार करना न सिर्फ जोखिम भरा होता है, बल्कि भविष्य में ऐसी स्थिति में परिवार को बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ती है।
📢 सरकार और प्रशासन से सवाल
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क्या सरकार डंकी रूट को लेकर जागरूकता फैलाएगी?
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ऐसे मामलों में पीड़ित परिवारों को क्या नीति के तहत मदद दी जाएगी?
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हरियाणा जैसे राज्यों में बढ़ती बेरोजगारी युवाओं को विदेश भेजने की होड़ में क्यों झोंक रही है?




