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Saturday, November 8, 2025

टाइम टेबल विवाद में राजस्थान में जब्त की गई हरियाणा रोडवेज की बस: 45 यात्रियों को बीच रास्ते में उतारा

राजस्थान की रोडवेज बस का चालान करते ट्रैफिक पुलिसकर्मी। - फाइल फोटो
                                                       राजस्थान की रोडवेज बस का चालान करते ट्रैफिक पुलिसकर्मी

टाइम टेबल विवाद में राजस्थान में जब्त की गई हरियाणा रोडवेज की बस: 45 यात्रियों को बीच रास्ते में उतारा

The Airnews | बालसमंद/नोहर

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में हरियाणा रोडवेज की एक सवारियों से भरी बस को जब्त करने का मामला गरमा गया है। यह बस सूरतगढ़ से हिसार की ओर जा रही थी, लेकिन राजस्थान के नोहर में आरटीओ टीम ने इसे रास्ते में रोक लिया और कथित रूप से टाइम टेबल में गड़बड़ी का हवाला देते हुए बस को जब्त कर लिया। इसके बाद बस में सवार 45 यात्रियों को बीच रास्ते में उतार दिया गया, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

घटनाक्रम का पूरा ब्यौरा

हरियाणा रोडवेज की यह बस नियमित रूप से हिसार से सूरतगढ़ रूट पर चल रही थी। ड्राइवर विकास के अनुसार, बस बुधवार को सूरतगढ़ से हिसार आ रही थी कि तभी नोहर के पास आरटीओ टीम ने इसे रोक लिया। दस्तावेजों की जांच की गई और बाद में बस को जब्त कर लिया गया। ड्राइवर ने बताया कि टीम ने टाइम टेबल को गलत बताते हुए कार्रवाई की।

बस में बैठे 45 यात्रियों को बीच रास्ते में ही उतार दिया गया। हालांकि बाद में यात्रियों को अन्य साधनों से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया, परंतु इस दौरान उन्हें मानसिक और शारीरिक असुविधा झेलनी पड़ी।

हरियाणा परिवहन विभाग की प्रतिक्रिया

हिसार के ड्यूटी इंचार्ज (DI) वीरेंद्र ने बताया कि यह बस पिछले आठ वर्षों से इसी रूट पर चल रही है। उन्होंने कहा कि जब नोहर में बस को रोका गया तो उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज राजस्थान के आरटीओ टीम को वॉट्सऐप के माध्यम से भेजे। बावजूद इसके, टीम ने बस को जब्त कर लिया और चालान कर दिया।

DI वीरेंद्र ने राजस्थान के अधिकारियों पर प्राइवेट बस ऑपरेटरों से मिलीभगत के आरोप लगाए। उनका कहना है कि राजस्थान के कुछ अधिकारी जानबूझकर हरियाणा रोडवेज को परेशान कर रहे हैं ताकि निजी बस संचालकों को फायदा पहुंचाया जा सके।

राजस्थान का पक्ष

राजस्थान के परिवहन विभाग का कहना है कि बस का टाइम टेबल निर्धारित मार्ग और अनुमति से मेल नहीं खा रहा था। इस वजह से कार्रवाई की गई।

हालांकि इस कार्रवाई के पीछे के इरादों पर सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई एक पुराने विवाद का हिस्सा हो सकती है, जो हरियाणा और राजस्थान रोडवेज के बीच लंबे समय से चला आ रहा है।

पुराना विवाद: टाइम टेबल और चालानों की जंग

सूत्रों के अनुसार, हिसार और राजस्थान के बीच चलने वाले रोडवेज रूट को लेकर टाइम टेबल विवाद पिछले एक वर्ष से जारी है। राजस्थान के निजी बस संचालकों ने कई बार हिसार रोडवेज की बसों के टाइम टेबल को लेकर शिकायतें की हैं।

इन शिकायतों के आधार पर ही राजस्थान परिवहन विभाग द्वारा कार्रवाई की जाती रही है। इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब हिसार से खाजूवाला जाने वाली हरियाणा रोडवेज की बस को सूरतगढ़ से चलाया गया।

पहले भी हो चुका है बड़ा विवाद

लगभग छह महीने पहले हरियाणा की एक महिला पुलिसकर्मी और राजस्थान रोडवेज के कंडक्टर के बीच टिकट को लेकर विवाद हो गया था। हरियाणा की पुलिसकर्मी ने खुद को स्टाफ बताकर टिकट देने से इनकार कर दिया। इस पर विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों राज्यों के बीच रोडवेज बसों के चालान काटने की होड़ लग गई।

हरियाणा पुलिस ने तीन दिनों में राजस्थान रोडवेज की करीब 90 बसों के चालान काट दिए। जवाब में राजस्थान ने भी हरियाणा रोडवेज की 26 बसों के चालान एक ही दिन में कर दिए, जिनमें से अधिकतर जयपुर में हुई कार्रवाई में शामिल थीं।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

इस घटनाक्रम से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें हरियाणा रोडवेज का कंडक्टर राजस्थान पुलिसकर्मी से बहस करता नजर आता है। वीडियो में कंडक्टर कहता है कि 60 सीटर बस में केवल 64 सवारियां हैं, फिर भी चालान किया जा रहा है। इसके जवाब में पुलिसकर्मी कहता है कि नियमों का उल्लंघन हुआ है। कंडक्टर ने आरोप लगाया कि राजस्थान पुलिस बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है।

यात्रियों की परेशानी

बस जब्त होने की वजह से जिन 45 यात्रियों को रास्ते में उतारा गया, उन्हें दूसरे वाहनों से यात्रा करनी पड़ी। कई यात्रियों ने बताया कि उनके पास पहले से कोई वैकल्पिक योजना नहीं थी और उन्हें खुद ही साधन ढूंढने पड़े। कुछ ने बताया कि वे नौकरी पर जा रहे थे और देर होने के कारण उनका नुकसान हुआ।

समाधान की मांग

हरियाणा और राजस्थान के बीच लंबे समय से चल रहे इस रोडवेज विवाद को लेकर यात्रियों में भारी रोष है। यात्रियों और रोडवेज कर्मचारी संघों ने दोनों सरकारों से अपील की है कि इस तरह की घटनाओं से यात्रियों को परेशानी न हो, इसके लिए ठोस समाधान निकाला जाए।

साथ ही दोनों राज्यों के परिवहन विभागों के बीच बेहतर समन्वय और संवाद स्थापित करने की मांग की जा रही है ताकि यात्रियों को भविष्य में इस प्रकार की असुविधा न हो।

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