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Saturday, November 8, 2025

ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर फंसे अनुराग कश्यप: सोशल मीडिया पर मचा बवाल, दर्ज हुई शिकायत

ब्राह्मणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर फंसे अनुराग कश्यप: सोशल मीडिया पर मचा बवाल, दर्ज हुई शिकायत

The Airnews | रिपोर्ट: Sahil Kasoon

फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि उन्होंने कथित रूप से ब्राह्मण समुदाय को लेकर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणी की है। यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद देशभर में भारी विरोध शुरू हो गया। दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में उनके खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज की गई है। यह विवाद न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री तक सीमित रहा बल्कि राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है।

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

विवाद की शुरुआत बुधवार को तब हुई जब अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर एक यूजर के कमेंट का जवाब देते हुए लिखा – “ब्राह्मण पे मैं मूतूंगा… कोई प्रॉब्लम?” यह टिप्पणी बेहद आपत्तिजनक मानी जा रही है और सोशल मीडिया पर यह बयान वायरल हो गया।

बयान के सामने आने के बाद लोगों ने इसे ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाला, घृणास्पद और अभद्र करार दिया। तमाम यूजर्स ने इस पर नाराजगी जताई और कश्यप के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।

शिकायत दर्ज, मामला दर्ज करने वाला कौन है?

इस पूरे मामले में उज्ज्वल गौड़ नामक व्यक्ति ने दिल्ली के तिलक मार्ग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उज्ज्वल गौड़ ने कहा कि अनुराग कश्यप की यह टिप्पणी केवल एक विशेष समुदाय को अपमानित करने का प्रयास नहीं, बल्कि समाज में वैमनस्यता फैलाने की साजिश है। उन्होंने इसे ब्राह्मणों के आत्मसम्मान और गरिमा पर सीधा हमला बताया और FIR दर्ज करने की मांग की।

सोशल मीडिया पर उबाल

इस विवादास्पद बयान के बाद सोशल मीडिया पर कश्यप के खिलाफ एक अभियान सा छिड़ गया। Twitter (अब X), Facebook और Instagram पर #ArrestAnuragKashyap, #BrahminLivesMatter जैसे ट्रेंड चलने लगे। कई प्रमुख नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने इस पर नाराजगी जताई।

अनुराग कश्यप की सफाई और माफी

विवाद बढ़ता देख शुक्रवार को अनुराग कश्यप ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए सफाई दी। उन्होंने लिखा:

“यह मेरी माफी है, मेरे पोस्ट के लिए नहीं, बल्कि उस एक पंक्ति के लिए जिसे संदर्भ से काटकर पेश किया गया और जिसके चलते घृणा फैल रही है। कोई भी बात या बयान इस लायक नहीं कि आपके परिवार, दोस्तों, बेटियों को बलात्कार और जान से मारने की धमकी मिले।”

उन्होंने आगे कहा:

“जो कहा गया है, वो वापस नहीं लिया जा सकता और मैं उसे वापस नहीं लूंगा। आप मुझे गाली दीजिए, लेकिन मेरी फैमिली ने कुछ नहीं कहा। इसलिए अगर आपको माफी चाहिए, तो ये रही मेरी माफी। ब्राह्मणों से बस इतना कहूंगा कि महिलाओं को बख्शिए, इतना तो शास्त्रों में भी सिखाया गया है, सिर्फ मनु स्मृति में नहीं।”

‘फुले’ फिल्म के इर्द-गिर्द घूमता विवाद

गौरतलब है कि अनुराग कश्यप की आगामी फिल्म ‘फुले’ भी विवादों में रही है। यह फिल्म जातीय भेदभाव और लैंगिक असमानता पर आधारित है और इसकी प्रस्तावित रिलीज 11 अप्रैल थी। लेकिन ब्राह्मण संगठनों जैसे अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज और परशुराम आर्थिक विकास महामंडल ने फिल्म पर आपत्ति जताई, जिसके बाद सेंसर बोर्ड ने इसमें बदलाव सुझाए।

अब यह फिल्म 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म में जातिगत मुद्दों को उठाया गया है, जिसे लेकर पहले भी विवाद खड़ा हो चुका है। आलोचकों का मानना है कि यह विवाद शायद फिल्म की पब्लिसिटी का भी एक हिस्सा हो सकता है।

कानूनी कार्रवाई की संभावनाएं

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि शिकायतकर्ता की बातों में दम पाया गया, तो अनुराग कश्यप के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज हो सकता है। इसमें:

  • धारा 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान आदि के आधार पर वैमनस्य फैलाना)
  • धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाना)
  • धारा 505 (अफवाह फैलाना और सामाजिक शांति भंग करना)

जैसी गंभीर धाराएं लगाई जा सकती हैं।

ब्राह्मण संगठनों की प्रतिक्रिया

ब्राह्मण समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों ने भी इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक समुदाय का अपमान नहीं, बल्कि उनकी आस्था और सामाजिक पहचान पर चोट है। कई संगठनों ने दिल्ली, लखनऊ, जयपुर और भोपाल जैसे शहरों में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।

बॉलीवुड में प्रतिक्रिया

बॉलीवुड में भी इस विवाद पर दो धड़े बन गए हैं। एक ओर कुछ फिल्मकार और कलाकार अनुराग कश्यप के समर्थन में आए हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोगों ने उनके बयान को अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

मामले का राजनीतिकरण

जैसे-जैसे मामला बढ़ रहा है, राजनीतिक पार्टियां भी इस पर बयान देने लगी हैं। भाजपा नेताओं ने इसे हिंदू भावनाओं के अपमान से जोड़ा और सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है, वहीं कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा से जुड़े लोग इसे अभिव्यक्ति की आजादी के अंतर्गत देख रहे हैं।

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