भाजपा और नगर परिषद सरकार की नाकामी के कारण कैथल की सुंदरता को लगा ग्रहण : आदित्य सुरजेवाला

कैथल, Sahil Kasoon The Airnews – भाजपा द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान के तहत हाल ही में जारी स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में कैथल शहर और नगर परिषद का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत हाल ही में जारी स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में कैथल शहर और नगर परिषद का 61वां स्थान प्राप्त हुआ है, जो भाजपा के शासन में स्वच्छता के दावों की पोल खोलता है। यह रैंकिंग न केवल कैथल के लिए शर्मनाक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भाजपा सरकार स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति कितनी गंभीर है। कैथल विधायक आदित्य सुरजेवाला ने भाजपा व कैथल नगर परिषद की नाकामी को जाहिर करते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला।
कैथल शहर में स्वच्छता के क्षेत्र में स्थिति हुई बद से बदतर
आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि कैथल शहर में स्वच्छता के क्षेत्र में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। गलियों में फैली गंदगी, कचरा प्रबंधन की कमी और नालियों का जाम होना आम बात हो गई है। नगर परिषद द्वारा कचरा निस्तारण और स्वच्छता के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप शहर की रैंकिंग में भारी गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि शहर की सड़कों पर कचरे के ढेर, भरी हुई नालियां, और अनियोजित कचरा प्रबंधन ने कैथल को स्वच्छता रैंकिंग में पीछे धकेल दिया है। नगर परिषद की उदासीनता और लचर कार्यप्रणाली के कारण शहरवासियों को गंदगी और बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
आदित्य सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा व नगर परिषद सरकार की नाकामी व भ्रष्टाचार के सबूत देखिए 👇
* सालाना 23 करोड़ रुपए अकेले नगर परिषद में सफाई कार्यों पर हो रहें खर्च, लेकिन सफाई व्यवस्था सिर्फ ढकोसला हुआ साबित। इस संलिप्त भ्रष्टाचार का जिम्मेदार कौन?
* प्री-फेब्रिकेटिड शौचालय में करीब एक साल से सभी शौचालय बदहाल हैं। इनकी देखरेख के लिए भी टेंडर नहीं और न ही इनमें सफाई की जा रही।
* डोर टू डोर कचरा उठाने वाले वाहनों में गीला और सूखा कचरा अलग-अलग नहीं लिया जा रहा है। छंटनी का कार्य भी सुचारू रूप से नहीं हो रहा। कचरा उठाने वाले वाहनों के कचरा डालने को लेकर दो भाग नहीं किए हुए है। शहर से कचरा प्वाइंट अभी भी खत्म नहीं किए जा सके।
* कांग्रेस शासन में बनाए गए STP का कहीं भी नियमित रूप से सीवरेज के पानी का ट्रीट नहीं किया जा रहा।
* कैथल में कचरे का उचित निपटान नहीं हो रहा। कचरे के पृथक्करण और रीसाइक्लिंग की कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण कचरा सड़कों पर बिखरा रहता है।
* शहर की नालियां कचरे और गंदगी से भरी हुई हैं, जिससे जलभराव और मच्छरों की समस्या बढ़ रही है। यह स्थिति डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों को बढ़ावा दे रही है।
* हाल के आंकड़ों के अनुसार, कैथल हरियाणा के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बन गया है। वायु और जल प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कोई ठोस नीति लागू नहीं की गई।
* स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान और प्रभावी योजनाओं का पूरी तरह अभाव है। नगर परिषद केवल कागजी कार्रवाई और दिखावे तक सीमित रही है।
* नगर परिषद ने स्वच्छता के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए।
* केंद्र और राज्य सरकार के दावों के बावजूद स्थानीय स्तर पर स्वच्छता अभियान केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित रह गया है।
* कैथल को देश के सबसे प्रदूषित जिलों में शुमार किया गया है, जो स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का जीता-जागता सबूत है।
भाजपा सरकार से जनता की तरफ से विधायक आदित्य सुरजेवाला की मांग
आदित्य सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी और भाजपा सरकार से कैथल की जनता की तरफ से मांग करते हुए आग्रह किया कि कैथल की जनता और सामाजिक संगठन अब नगर परिषद और स्थानीय प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि स्वच्छता के लिए ठोस और त्वरित कदम उठाए जाएं। कचरा प्रबंधन, नालियों की सफाई, और जागरूकता अभियानों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि कैथल शहर को कांग्रेस शासन की तरह सुंदरता व स्वच्छता में नंबर एक बनाया जाए। कचरा प्रबंधन के लिए प्रभावी योजना लागू की जाए। नालियों और सड़कों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं। प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
आदित्य ने कहा कि कैथल के नागरिकों में इस रैंकिंग को लेकर भारी नाराजगी है। हम हर साल स्वच्छता के नाम पर बड़े-बड़े दावे सुनते हैं, लेकिन शहर की हालत बद से बदतर हो रही है। सरकार को चाहिए कि वह जमीनी स्तर पर काम करे।




