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Saturday, November 8, 2025

मासूम शर्मा के बैन हुए गाने बने इंटरनेशनल सेंसेशन: बिलबोर्ड टॉप-20 में तीन गानों ने बनाई जगह

मासूम शर्मा के बैन हुए गाने बने इंटरनेशनल सेंसेशन: बिलबोर्ड टॉप-20 में तीन गानों ने बनाई जगह

 Source: The Air News 

हरियाणा के मशहूर सिंगर मासूम शर्मा एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह बेहद खास और गर्व से भरी है। कुछ समय पहले हरियाणा सरकार ने मासूम शर्मा के सात गानों को ‘गन कल्चर’ को बढ़ावा देने का हवाला देते हुए बैन कर दिया था। इस फैसले ने राज्यभर में विवाद को जन्म दिया था। लेकिन अब वही बैन किए गए गाने इंटरनेशनल म्यूजिक प्लेटफॉर्म बिलबोर्ड की टॉप-20 इंडिया लिस्ट में जगह बना चुके हैं। यह हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है।

कौन-कौन से गाने हुए शामिल?

बिलबोर्ड की टॉप-20 इंडिया लिस्ट में मासूम शर्मा के तीन गाने शामिल हुए हैं:

  1. पिस्तौल – टॉप 10 में जगह बनाई
  2. चंबल के डाकू – टॉप 10 में शामिल
  3. खटोला-2 – 14वें स्थान पर ट्रेंड कर रहा है

दिलचस्प बात यह है कि इनमें से “खटोला-2” गाना हरियाणा सरकार द्वारा बैन किया गया था। इसका अर्थ है कि भले ही राज्य में इन गानों पर पाबंदी हो, पर देशभर में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्हें व्यापक स्तर पर सुना और सराहा जा रहा है।

बिलबोर्ड और हरियाणवी संगीत का तालमेल

बिलबोर्ड, जोकि म्यूजिक इंडस्ट्री का सबसे प्रतिष्ठित चार्टिंग प्लेटफॉर्म है, उसमें हरियाणवी गानों का स्थान पाना कोई मामूली बात नहीं है। अधिकतर सूची में बॉलीवुड, पंजाबी और अंग्रेजी गाने ही रहते हैं। ऐसे में मासूम शर्मा के गानों का टॉप 20 में शामिल होना न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए, बल्कि पूरी हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी सफलता है।

पिछले वर्ष ढांडा न्योलीवाला का गाना “रशियन बंदाना” बिलबोर्ड की टॉप 20 लिस्ट में आया था, और अब मासूम शर्मा की यह एंट्री इस सफलता की निरंतरता को दर्शाती है।

विवाद और प्रतिबंध: सरकार बनाम कलाकार

हरियाणा सरकार ने फरवरी 2025 में मासूम शर्मा के सात गानों को बैन किया था। इसका तर्क यह था कि ये गाने गन कल्चर और हिंसा को बढ़ावा देते हैं। इनमें से अधिकतर गानों में हथियारों, डकैती और गैंगस्टर जीवनशैली को रोमांटिकाइज किया गया था।

हालांकि, कलाकारों और उनके समर्थकों का तर्क था कि ये गाने सिर्फ कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम हैं और सामाजिक यथार्थ को दर्शाते हैं। उनके अनुसार, प्रतिबंध लगाना स्वतंत्रता की भावना के विरुद्ध है और यह क्षेत्रीय कलाकारों की प्रतिभा को दबाने का प्रयास है।

जनता का समर्थन और सोशल मीडिया ट्रेंड्स

मासूम शर्मा के गानों पर पाबंदी के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त समर्थन देखने को मिला। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर #JusticeForMasoom और #HaryanviMusicMatters जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। लाखों फैंस और म्यूजिक लवर्स ने सरकार के फैसले का विरोध किया और कलाकार के समर्थन में उतर आए।

यह जन समर्थन ही था जिसने मासूम शर्मा के गानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया और आज वे बिलबोर्ड जैसे मंच पर देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

म्यूजिक ऐप्स पर भी धमाल

सिर्फ बिलबोर्ड ही नहीं, स्पॉटिफाई, जियो सावन, गाना, और यूट्यूब जैसे प्रमुख म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर भी मासूम शर्मा के गाने ट्रेंडिंग में हैं। ‘पिस्तौल’ और ‘चंबल के डाकू’ को यूट्यूब पर अब तक 50 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। स्पॉटिफाई पर ये गाने टॉप 50 इंडिया प्लेलिस्ट में शामिल हैं।

हरियाणवी म्यूजिक का बढ़ता प्रभाव

बीते कुछ वर्षों में हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री ने जबरदस्त ग्रोथ की है। कलाकार जैसे कि राज मावर, अजय हूडा, सपना चौधरी और अब मासूम शर्मा ने इस क्षेत्रीय म्यूजिक को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया है। पहले जहां हरियाणवी गानों को सिर्फ स्थानीय स्तर तक सीमित माना जाता था, अब वह ग्लोबल लेवल पर धूम मचा रहे हैं।

मासूम शर्मा का यह कीर्तिमान दर्शाता है कि अब भाषा और क्षेत्रीयता की सीमाएं टूट रही हैं और प्रतिभा को हर मंच पर पहचान मिल रही है।

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