मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की हरियाणा को स्वच्छ, ग्रीन और समृद्ध बनाने की अपील
स्रोत: The Air News | संपादन: Yash
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को जिला पंचकूला के पिंजौर स्थित कामधेनु गौशाला सेवा सदन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने गौ सेवा करते हुए गौ माता के गोबर से निर्मित कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट का लोकार्पण, गौमाता के अंतिम संस्कार केंद्र और नए शैड का शिलान्यास किया। उन्होंने गौशाला को 21 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा करते हुए प्रदेशवासियों से हरियाणा को “ग्रीन, स्वच्छ और समृद्ध” बनाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री का गौसेवा के प्रति समर्पण
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि गाय को हम माता का दर्जा देते हैं और गौ सेवा एक पुण्य कार्य है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार गौ माता की सेवा व संरक्षण के लिए कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के मुकाबले वर्तमान सरकार ने गौशालाओं की संख्या, बजट और सुविधा तीनों में बड़ा विस्तार किया है।
वर्तमान में प्रदेश में 650 पंजीकृत गौशालाएं कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 4 लाख गौवंश का पालन हो रहा है। पहले यह संख्या मात्र 215 गौशालाओं तक सीमित थी।
बजट में भारी बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि गौसेवा के लिए पहले मात्र 2 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित था, जिसे वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 595 करोड़ रुपये कर दिया है। पिछले वित्त वर्ष में 608 गौशालाओं को 166 करोड़ रुपये की राशि गौ माता के चारे हेतु प्रदान की गई थी।
गौ अभ्यारण्यों और भूमि का उपयोग
पानीपत, हिसार और पंचकूला में सरकार द्वारा स्थापित गौ अभ्यारण्यों में हजारों बेसहारा गौवंश को सुरक्षित आश्रय मिला है। इसके अतिरिक्त सरकार ने गौ चराण की भूमि को गौशालाओं को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है ताकि उस भूमि पर गौवंश के लिए चारा उत्पन्न किया जा सके।
प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ता कदम
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि इस वर्ष 1 लाख एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती की जाए। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हों, जिससे पशुधन व पर्यावरण दोनों को लाभ हो।
कानून और संरक्षण की दिशा में मजबूत पहल
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि गौ माता की हत्या पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून लागू हैं। गौमाता संरक्षण अधिनियम के तहत गौ हत्या करने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान है, वहीं गौ तस्करी पर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है – हर गौवंश सुरक्षित रहे।
आत्मनिर्भर गौशालाएं – सरकार का नया विजन
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता है कि आने वाले समय में सभी गौशालाएं आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि गौशालाएं न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनें, बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त हों। इसके लिए उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कामधेनु गौशाला जैविक कीटनाशक, केंचुआ खाद, जीवामृत, हवन सामग्री, फिनाइल, हैंड वॉश, साबुन और अन्य उत्पाद तैयार कर रही है, जिससे उसकी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है।
मुख्यमंत्री ने यह विश्वास जताया कि यदि सभी गौशालाएं इसी मार्ग पर चलें, तो उन्हें भविष्य में किसी अनुदान की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे स्वनिर्मित उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकती हैं।
संतों और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में उपस्थित गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री का नवरात्रों के पावन दिनों में गौशाला में आना एक शुभ संयोग है। उन्होंने कहा कि गीता और गौमाता का संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में होना चाहिए।
हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने गौशालाओं के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। वर्तमान में 650 गौशालाएं पंजीकृत हैं और उन्हें राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने कामधेनु गौशाला सेवा सदन को 11 लाख रुपये देने की घोषणा की।
कालका विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, पंचकूला के महापौर श्री कुलभूषण गोयल और हरियाणा गौ सेवा आयोग के चेयरमैन श्री श्रवण गर्ग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
गोबर-धन योजना का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई गोबर-धन योजना का भी उल्लेख किया और कहा कि इस योजना से न केवल पर्यावरण की रक्षा हो रही है, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिल रहा है।
उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि वे गोबर व गोमूत्र का उपयोग जैविक खेती में करें और पारंपरिक कृषि प्रणाली को अपनाएं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भी इसी दिशा में कार्य कर रही है और किसानों को आवश्यक प्रशिक्षण व संसाधन उपलब्ध करा रही है।