सरकार द्वारा कांग्रेस विधायक और पूर्व रेसलर विनेश फोगाट को सम्मान राशि देने का मुद्दा और योगेश्वर दत्त की प्रतिक्रिया
(Sahil Kasoon) हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा कांग्रेस विधायक और मशहूर रेसलर विनेश फोगाट को सम्मान राशि देने के फैसले ने राजनीतिक और खेल जगत में हलचल मचा दी है। इस विषय पर ओलंपिक पदक विजेता और भारतीय कुश्ती के दिग्गज खिलाड़ी योगेश्वर दत्त ने अपनी प्रतिक्रिया दी, जिससे यह मामला और अधिक चर्चा में आ गया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर बिना किसी का नाम लिए कटाक्ष किया और लिखा, “समय बहुत बलवान होता है। अहंकार में आकर सम्मान राशि को सरकार के मुंह पर मारने की बात करने वाले आज उसी राशि के लिए विधानसभा में गिड़गिड़ा रहे हैं।”
मुद्दे की पृष्ठभूमि यह विवाद तब शुरू हुआ जब विनेश फोगाट, जो अब कांग्रेस की विधायक भी हैं, ने सरकार द्वारा दी जाने वाली सम्मान राशि के लिए मांग उठाई। इससे पहले, 2020 में विनेश फोगाट सहित कई पहलवानों ने सरकार की कुछ नीतियों का विरोध करते हुए सम्मान राशि लेने से इनकार कर दिया था।
अब, जब वे स्वयं विधायक हैं, तो उन्होंने सरकार से इस राशि की मांग की, जिस पर ओलंपियन योगेश्वर दत्त ने कटाक्ष किया।
योगेश्वर दत्त की प्रतिक्रिया योगेश्वर दत्त, जो कि भारतीय कुश्ती के एक प्रतिष्ठित नाम हैं और भाजपा से भी जुड़े रहे हैं, ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी। उनका बयान यह दर्शाता है कि वे इस मुद्दे को केवल सम्मान राशि से जोड़कर नहीं देख रहे, बल्कि इसे खेल जगत में राजनीतिक हस्तक्षेप के रूप में भी देख रहे हैं। उन्होंने यह भी इशारा किया कि जो लोग कभी सरकार के खिलाफ खड़े थे, वे अब उसी से मदद मांग रहे हैं।
विनेश फोगाट का पक्ष विनेश फोगाट ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि यह राशि खिलाड़ियों का हक है और किसी भी खिलाड़ी को उसका हक मांगने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पहले विरोध सरकार की नीतियों के खिलाफ किया था, न कि खिलाड़ियों के अधिकारों के खिलाफ।
राजनीतिक प्रभाव यह मुद्दा अब खेल की बजाय राजनीति का केंद्र बन चुका है। भाजपा और कांग्रेस समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर इसको लेकर तीखी बहस हो रही है।
खेल जगत की प्रतिक्रिया कई अन्य खिलाड़ियों ने भी इस पर अपनी राय रखी है। कुछ खिलाड़ियों का मानना है कि खिलाड़ियों को राजनीति से दूर रहना चाहिए, जबकि कुछ का कहना है कि खेल और राजनीति अब एक-दूसरे से अलग नहीं हैं।