सिंगर मासूम शर्मा पर बोले सुभाष फौजी: जानबूझ कर कन्ट्रोवर्सी पैदा की; मैंने-MD ने की थी CM को शिकायत, फौगाट से माफी मांगे
सोनीपत स्रोत: The Airnews
हरियाणा के संगीत जगत में इन दिनों विवादों की गूंज सुनाई दे रही है। एक तरफ सरकार द्वारा यूट्यूब से हरियाणवी गानों को डिलीट किए जाने की कार्रवाई, दूसरी ओर कलाकारों के बीच शुरू हुई बयानबाजी ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। इसी कड़ी में सिंगर सुभाष फौजी ने मासूम शर्मा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने जानबूझकर गजेंद्र फोगाट का नाम लेकर कंट्रोवर्सी पैदा की है।
मुख्यमंत्री से मुलाकात और गानों की शिकायत
सुभाष फौजी ने दावा किया कि वह और गायक एमडी करीब डेढ़ महीने पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिले थे। यह मुलाकात MLA हॉस्टल में हुई थी, जहां पर मासूम शर्मा भी मौजूद थे। सुभाष के अनुसार, उन्होंने और एमडी ने मिलकर सीएम को बताया कि कुछ गानों में गाली-गलौज और अश्लीलता बढ़ रही है और इससे समाज पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इस पर मुख्यमंत्री के पीए ने फौरन नोट्स लिए और 10 दिन के भीतर ही साइबर टीम गठित कर दी गई।
गानों की जांच और डिलीशन की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री से मिलने के कुछ ही दिनों बाद एक सूची तैयार की गई और उसमें आए गानों को यूट्यूब से हटाया गया। सुभाष ने बताया कि यह लिस्ट किसने बनाई, यह उन्हें नहीं पता, लेकिन इस कार्रवाई की शुरुआत उन्हीं की शिकायत से हुई थी। उन्होंने साफ कहा कि गजेंद्र फोगाट का इस मामले से कोई संबंध नहीं था।
मासूम शर्मा पर आरोप: कंट्रोवर्सी फैलाकर पॉपुलैरिटी हासिल की
सुभाष फौजी ने दावा किया कि मासूम शर्मा को पूरे घटनाक्रम की जानकारी थी, फिर भी उन्होंने जानबूझकर गजेंद्र फोगाट का नाम लिया ताकि कंट्रोवर्सी बने और वे चर्चा में रहें। उनका कहना है कि इससे पहले मासूम शर्मा के केवल 3 लाख फॉलोअर्स थे, लेकिन इस मुद्दे के बाद वे 2 मिलियन से अधिक हो गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि मासूम शर्मा ने पहले से प्लानिंग करके यह विवाद खड़ा किया और ऐसा दिखाया जैसे उनके गाने गजेंद्र फोगाट के कहने पर हटवाए गए हों।
गजेंद्र फोगाट से माफी मांगे मासूम शर्मा
सुभाष ने यह भी कहा कि मासूम शर्मा को गजेंद्र फोगाट से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उन्होंने गलत तरीके से उनका नाम विवाद में घसीटा। उन्होंने बताया कि खुद उन्होंने मासूम को फोन कर समझाया भी था कि गजेंद्र का नाम नहीं लेना चाहिए था, लेकिन इसके बावजूद मासूम शर्मा ने बयानबाजी जारी रखी।
हरियाणवी गीतों के लिए गाइडलाइन जरूरी
सुभाष फौजी का मानना है कि हरियाणा सरकार को अब एक स्पष्ट गाइडलाइन बनानी चाहिए, जिससे कलाकार अश्लील, हिंसक और समाज विरोधी गीत न बना सकें। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड और पंजाबी सिनेमा में सेंसर व्यवस्था है, जहां हर गाने को ग्रेडिंग दी जाती है, लेकिन हरियाणवी गानों के लिए ऐसा कोई नियंत्रण नहीं है।
फिल्म “रोहतक कब्जा” और सेंसर की बात
सुभाष ने कहा कि आने वाली फिल्म “रोहतक कब्जा” में भी मासूम शर्मा का एक बदमाशी गीत है, लेकिन यह फिल्म सेंसर की प्रक्रिया से गुजरे बिना रिलीज नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि फिल्म नीति के तहत ऐसी फिल्मों को सेंसर सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।
छोटे कलाकारों को मिला नुकसान
उन्होंने यह भी बताया कि गानों की डिलीशन प्रक्रिया में कई छोटे कलाकारों के गाने भी हटाए गए, जिनके गानों में बहुत कम आपत्तिजनक शब्द थे। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए और छोटे कलाकारों को नुकसान से बचाना चाहिए।
बदमाशी गीतों से होता है युवाओं का माइंड वॉश
सुभाष फौजी ने कहा कि बदमाशी वाले गीत युवाओं के दिमाग पर नकारात्मक असर डालते हैं। जब बार-बार ऐसे कंटेंट सामने आते हैं, तो युवाओं का माइंड वॉश होता है और वे गलत राह पकड़ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चटक-मटक, 52 गज का दामन जैसे अच्छे गाने मिलियनों में सुने गए हैं, जबकि बदमाशी वाले गानों को वह क्रेज नहीं मिला।
मासूम शर्मा और राहुल पुठी पर भी सवाल
सुभाष फौजी ने यह भी कहा कि मासूम शर्मा और राहुल पुठी के गानों में सबसे ज्यादा आपत्तिजनक लिरिक्स पाए गए हैं। जैसे कि “कोर्ट में गोली मारेंगे”, “हाथ दे देंगे”, “जाटों को जमाई बोल दो” जैसे बोल समाज में हिंसा और गलत संदेश को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि राहुल पुठी ने ही मासूम शर्मा को उकसाया था इस प्रकार के गानों को गाने के लिए।
सुभाष फौजी का सफर और योगदान
सुभाष फौजी हरियाणा के हांसी क्षेत्र के गांव ढाणा खुर्द के निवासी हैं। वे 17 साल तक इंडियन आर्मी में रह चुके हैं और 1999 के कारगिल युद्ध में भी भाग लिया था। 2014 में सेवानिवृत होने के बाद उन्होंने संगीत में कदम रखा और “बागड़ की छोरी” से शुरुआत की। अब तक वे करीब 1000 से अधिक गीत गा चुके हैं जिनमें रागनी, भक्ति गीत, सामाजिक संदेश वाले गीत शामिल हैं।
हाल ही में उन्होंने “बदमाशी में क्यों डूब गया कलाकार” जैसे बोल वाला एक गीत भी लिखा और गाया है, जिसमें उन्होंने कलाकारों के बीच विवाद पर कटाक्ष किया है।