
सोनीपत में पकड़ी गई नशीली दवाओं की बड़ी खेप: दो आरोपी गिरफ्तार, 60 कफ सिरप और 432 गोलियां बरामद
स्रोत: The Airnews
संपादन: Yash
हरियाणा के सोनीपत जिले में नशे के खिलाफ जंग को बड़ा बल मिला है। कुंडली क्राइम यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित नशीली दवाओं की खेप को जब्त किया है। इस कार्रवाई के तहत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके पास से 60 शीशी कफ सिरप और 432 नशीली गोलियां बरामद की गई हैं। यह दवाएं केजीपी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के माध्यम से एक कार में ले जाई जा रही थीं।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना और कार्रवाई का खाका
एएसआई सुरेश अपनी क्राइम यूनिट टीम के साथ 20वां मील चौक के पास गश्त कर रहे थे, तभी उन्हें सूचना मिली कि दो युवक केजीपी के जरिए प्रतिबंधित नशीली दवाएं लेकर सोनीपत आ रहे हैं। सूचना मिलते ही टीम ने बढ़खालसा मोड़ पर नाकाबंदी की और एक संदिग्ध कार को रोक लिया।
कार में बैठे दो युवकों की पहचान गांव भैरा बांकीपुर निवासी सोनू और अमित के रूप में हुई। पुलिस को शक हुआ तो कार की तलाशी लेने की प्रक्रिया शुरू की गई।
ड्रग कंट्रोल अधिकारी की मौजूदगी में हुई तलाशी
आरोपियों ने राजपत्रित अधिकारी की मौजूदगी में तलाशी की मांग की। इसके बाद ड्रग कंट्रोल ऑफिसर संदीप कुमार को मौके पर बुलाया गया। रात करीब 9 बजे तलाशी शुरू की गई। कार की पिछली सीट पर रखी गत्ते की पेटी से 60 शीशी प्रतिबंधित कफ सिरप और 24 पत्तों में कुल 432 प्रतिबंधित नशीली गोलियां बरामद की गईं।
गिरफ्तारी और केस की कानूनी स्थिति
पुलिस ने तुरंत दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ राई थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। रविवार को आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुट गई है कि आरोपी इस धंधे में कब से लिप्त हैं और इनके नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है।
एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में केस दर्ज
यह पूरा मामला नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस (NDPS) एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। यह अधिनियम नशीली दवाओं की तस्करी, उनके उपयोग और उत्पादन को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया है। इसके तहत आरोप सिद्ध होने पर कड़ी सजा का प्रावधान है।
जांच का दायरा और संभावित लिंक
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि ये दवाएं कहां से लाई गई थीं और इन्हें कहां पहुंचाया जाना था। यह भी संदेह है कि यह नेटवर्क हरियाणा के अलावा दिल्ली और यूपी तक फैला हो सकता है। पिछले कुछ महीनों में नशे के खिलाफ जो कार्रवाइयां हुई हैं, उन सभी से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि ड्रग माफिया अब हाईवे और एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि तेजी से सप्लाई की जा सके और पकड़े जाने की संभावना कम हो।
युवाओं में बढ़ती नशे की लत: एक चिंताजनक पहलू
हरियाणा में नशे की समस्या तेजी से गंभीर होती जा रही है, विशेष रूप से युवाओं में। प्रतिबंधित कफ सिरप और नशीली गोलियां सस्ते और आसानी से उपलब्ध होने की वजह से युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। ये दवाएं न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं बल्कि सामाजिक ढांचे को भी खोखला कर रही हैं।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका
पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह एक संकेत भी है कि नशे का नेटवर्क कितना गहरा और फैला हुआ है। प्रशासन और पुलिस को मिलकर इस समस्या से लड़ने की ज़रूरत है।
इस केस की आगे की जांच से यह स्पष्ट हो सकता है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है और इन दवाओं की सप्लाई लाइन कैसे चल रही थी।