हरियाणा के 5 जिलों में बदला मौसम का मिजाज: कहीं बारिश, कहीं बादल, ओलावृष्टि का अलर्ट; किसानों की बढ़ी चिंता
The Airnews | Haryana Weather Update | संपादन: The Airnews
हरियाणा के मौसम में अचानक बदलाव देखने को मिला है। 10 अप्रैल की दोपहर बाद प्रदेश के कई जिलों में बारिश दर्ज की गई। जींद, भिवानी, फतेहाबाद के रतिया, चरखी दादरी के बाढड़ा और सिरसा के डबवाली क्षेत्रों में पानी बरसा, जिससे आम जनजीवन के साथ-साथ किसानों की चिंता भी बढ़ गई है।
जींद में हुई बारिश, किसानों की बढ़ी चिंता
जींद जिले में दोपहर बाद अचानक आसमान में बादल छा गए और करीब 10 से 15 मिनट तक बारिश हुई। इससे खेतों में कटी पड़ी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ गई है। कटाई का कार्य तेजी से चल रहा था और कई जगहों पर गेहूं खेतों में पड़ी हुई है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने हरियाणा के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों के कई जिलों के लिए ओलावृष्टि और तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है। जिन जिलों में चेतावनी दी गई है, उनमें नांगल चौधरी, नारनौल, अटेली, महेंद्रगढ़, कनीना, भद्रा, लोहारू, चरखी दादरी, भिवानी, तोशाम, बावल, रेवाड़ी और बवानीखेड़ा शामिल हैं। इन क्षेत्रों में 50-60 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
नारनौल और झज्जर में रात को आया तेज अंधड़
बुधवार की रात को नारनौल क्षेत्र में तेज अंधड़ आया, जिससे पेड़ गिरने की खबरें भी सामने आई हैं। इसका असर झज्जर, महेंद्रगढ़ और आस-पास के जिलों में भी देखा गया। इससे कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
किसानों की मेहनत पर पानी फिरने का खतरा
हरियाणा में इस समय गेहूं की कटाई जोरों पर है। कई किसानों ने अपनी फसल काटकर खेतों में एकत्र कर रखी है। ऐसे में बारिश और ओले गिरने से फसल को भारी नुकसान पहुंच सकता है। किसानों का कहना है कि यदि अगले कुछ दिनों में मौसम साफ नहीं हुआ, तो उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है।
हिसार रहा सबसे गर्म जिला
बुधवार को प्रदेश का सबसे गर्म जिला हिसार रहा, जहां का अधिकतम तापमान 42.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के अधिकतम तापमान में औसतन 0.5 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। हरियाणा का तापमान सामान्य से 5.9 डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया गया।
14 अप्रैल तक मौसम में रहेगा उतार-चढ़ाव
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदनलाल खीचड़ ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पूर्वी हवाएं चल रही थीं, जिससे तापमान में वृद्धि हो रही थी। सामान्यतः जो तापमान 10-15 अप्रैल के बीच दर्ज होता है, वह इस बार पहले ही आ गया है।
उन्होंने आगे कहा कि सूर्य की सीधी किरणें धरती पर पड़ने के कारण तापमान बढ़ा था। लेकिन अब 9 अप्रैल की रात से सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल छाए हैं और बूंदाबांदी हो रही है। इससे अगले कुछ दिनों तक मौसम में ठंडक बनी रह सकती है।
3-4 डिग्री तक गिर सकता है तापमान
डॉ. खीचड़ ने बताया कि पहाड़ों की ओर से आने वाली हवाएं प्रदेश में पहुंचेंगी, जिससे तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आने की संभावना है। हालांकि, 14 अप्रैल के बाद फिर से तापमान में वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
कृषि विशेषज्ञों की सलाह
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी है कि वे मौसम को देखते हुए फसल की कटाई व भंडारण की योजना बनाएं। गेहूं की कटी हुई फसल को खुले में न रखें और जल्द से जल्द उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। साथ ही मौसम विभाग की अपडेट्स पर नजर बनाए रखें।
राज्य सरकार से किसानों को राहत की उम्मीद
बारिश और ओलावृष्टि से संभावित नुकसान के मद्देनजर किसानों को राज्य सरकार से राहत की उम्मीद है। यदि फसलों को नुकसान होता है, तो मुआवजा देने की मांग पहले से ही उठाई जा रही है। कई किसान संगठनों ने जिला प्रशासन से फसल का तत्काल सर्वे करने की मांग की है।