

हरियाणा के जींद में मानवता शर्मसार: बेटे ने बुजुर्ग मां को लातों से पीटा, पिता को डंडों से पीटते हुए किया घायल, पोती ने वीडियो बनाकर किया सच उजागर
The Airnews | जींद | 11 अप्रैल 2025
हरियाणा राज्य के जींद जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने एक बार फिर रिश्तों की मर्यादा, समाज की सोच और इंसानियत के स्तर को झकझोर दिया है। जींद जिले के सफीदों खंड के गांव भुसलाना में एक बेटे द्वारा अपनी बुजुर्ग मां को जमीन पर पटक कर लातों से पीटने और पिता को डंडों से बेरहमी से पीटने की घटना सामने आई है।
इस मार्मिक और अमानवीय घटना की पुष्टि उस वीडियो से हुई है, जो पीड़ित दंपति की पोती ने चुपके से रिकॉर्ड की थी। वीडियो के वायरल होते ही गांव में सनसनी फैल गई और प्रशासन हरकत में आया। फिलहाल बुजुर्ग दंपति रोहतक PGI में भर्ती हैं और मामले की जांच शुरू हो चुकी है।
घटना की शुरुआत: पारिवारिक बंटवारे की दरार से फूटती है दरिंदगी
गांव भुसलाना निवासी बुजुर्ग सीना शेख और उनकी पत्नी रोशनी, जिनकी उम्र क्रमशः 70 और 65 वर्ष के आसपास है, दो बेटों के माता-पिता हैं। उनका बड़ा बेटा बीमारी के चलते कुछ समय पहले चल बसा, और उसकी पत्नी की भी मृत्यु हो चुकी है। उस बेटे के दो छोटे बच्चे हैं जिनकी परवरिश का जिम्मा अब इन बुजुर्ग दंपति पर है।
दंपति का दूसरा बेटा कलीम, पत्नी और ससुरालियों के साथ मिलकर लगातार जमीन और संपत्ति के बंटवारे को लेकर माता-पिता को प्रताड़ित कर रहा था। बुजुर्ग दंपति ने मकान और जमीन के तीन हिस्से किए थे—एक हिस्सा छोटे बेटे कलीम को, एक हिस्सा अपने दिवंगत बड़े बेटे के बच्चों के नाम और एक हिस्सा खुद के लिए रखा ताकि वे अपनी शेष जिंदगी सम्मान के साथ जी सकें।
झगड़े और धमकियों का इतिहास: कई बार माफ किया, लेकिन बेटा बाज नहीं आया
पीड़ित बुजुर्गों के अनुसार, कलीम और उसकी पत्नी कई बार झगड़ा कर चुके हैं। लेकिन मां-बाप होने के नाते उन्होंने हर बार उसे माफ कर दिया। बुजुर्गों का कहना है कि उन्हें डर है कि अगर वे अपने हिस्से की जमीन भी छोटे बेटे को दे देंगे, तो भविष्य में न खुद के लिए कुछ बचेगा और न ही दिवंगत बेटे के बच्चों के लिए। यही डर उनकी आत्मरक्षा का कारण बना रहा।
घटना की रात: जब हैवानियत ने सारी हदें पार कर दीं
बुधवार की रात कलीम ने अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष को बुलाकर बुजुर्ग मां-बाप के साथ अमानवीय व्यवहार किया। उसने पहले डंडों से पिता की पिटाई की, फिर मां को ज़मीन पर पटक कर लातें मारीं। इस दौरान बुजुर्ग चीखते रहे, रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन उनके अपने ही बेटे का दिल नहीं पसीजा।
उन्हीं की पोती, जो इस घटना की चश्मदीद थी, ने चुपके से मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। जब आरोपी को इसका पता चला तो उसने पोती को भी पीट दिया।
गांववालों की दखल और बुजुर्गों की जान बची
घटना के दौरान बुजुर्गों की चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी और गांववाले मौके पर पहुंचे और उन्हें छुड़ाया। उन्होंने बुजुर्गों को तुरंत जींद अस्पताल पहुंचाया, जहां से उन्हें हालत गंभीर देखते हुए रोहतक PGI रेफर किया गया। फिलहाल दोनों का इलाज चल रहा है।
वीडियो वायरल: प्रशासन और पुलिस हरकत में आई
पोती द्वारा रिकॉर्ड किया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गई। वीडियो में स्पष्ट दिखता है कि बेटा अपनी मां को जमीन पर गिराकर लात मार रहा है और डंडा लेकर पिता की ओर बढ़ रहा है।
इस वीडियो के आधार पर सफीदों सदर थाना में शिकायत दी गई है और थाना प्रभारी वीरेंद्र कुमार ने कहा है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। पीड़ितों की मेडिकल रिपोर्ट और वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
बुजुर्ग पिता की आंखों में छलकते दर्द के आंसू
जब मीडिया और पुलिस ने पीड़ित बुजुर्ग से बातचीत की तो उन्होंने अपने शरीर पर पड़े चोटों के निशान दिखाए और फफक कर रो पड़े। उनकी आंखों से निकले आंसू उस पीड़ा को दर्शा रहे थे जो सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी उन्हें तोड़ चुकी थी।
सीना शेख ने भावुक होकर कहा—
“ऐसी औलाद भगवान किसी को न दे। अगर दे भी तो पैदा होते ही मर जाए। जिसने हमें ही नहीं छोड़ा, वो किसी और का क्या होगा।”
पोती का साहस: नई पीढ़ी की उम्मीद
इस घटना के बीच जिस बात ने पूरे समाज का दिल छू लिया, वह रही पोती की हिम्मत। महज 13-14 साल की इस बच्ची ने अपने दादा-दादी को पिटते देखा और चुपचाप मोबाइल से वीडियो बना लिया। अगर यह वीडियो न बनता तो शायद यह मामला भी उन हजारों मामलों की तरह दबा दिया जाता।
इस बच्ची की सूझबूझ और साहस ने न केवल उसके दादा-दादी को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया, बल्कि समाज को एक बड़ा संदेश भी दिया कि अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना ज़रूरी है।
प्रशासन से पीड़ितों की मांग
पीड़ित दंपति ने साफ शब्दों में प्रशासन से मांग की है कि बेटे कलीम, उसकी पत्नी और ससुरालियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो कल को और बुजुर्ग अपने ही बच्चों के हाथों प्रताड़ित होते रहेंगे।
वहीं गांववासियों ने भी एकजुट होकर प्रशासन से मांग की है कि दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
कानूनी प्रक्रिया और संभावित धाराएं
इस मामले में IPC की कई गंभीर धाराएं लग सकती हैं:
- धारा 323 – स्वेच्छा से चोट पहुँचाना
- धारा 325 – खतरनाक हथियार से गंभीर चोट पहुँचाना
- धारा 506 – आपराधिक धमकी
- धारा 498A – पारिवारिक अत्याचार
इसके अलावा बुजुर्गों की सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत भी केस दर्ज हो सकता है। यदि पुलिस तत्परता से कार्रवाई करती है तो यह केस उदाहरण बन सकता है कि कानून के जरिए बुजुर्गों की रक्षा की जा सकती है।