loader image
Saturday, November 8, 2025

हरियाणा के शहीद लेफ्टिनेंट को अंतिम विदाई: रेवाड़ी में मां ने बेटे का माथा चूमा

(Yash) हरियाणा के शहीद लेफ्टिनेंट को अंतिम विदाई: रेवाड़ी में मां ने बेटे का माथा चूमा; मंगेतर भी पहुंची, 10 दिन पहले सगाई हुई थी

रेवाड़ी, हरियाणा: भारतीय वायुसेना के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव को उनके पैतृक गांव भालखी माजरा में सेना सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। सिद्धार्थ यादव का निधन 2 अप्रैल को हुआ, जब वह गुजरात के जामनगर में हुए जगुआर लड़ाकू विमान क्रैश में शहीद हो गए। सिद्धार्थ के शहीद होने के बाद उनका पार्थिव शरीर जैसे ही रेवाड़ी पहुंचा, पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। उनके परिवार को इस दर्दनाक घड़ी में ढेरों लोगों से सांत्वना और श्रद्धांजलियाँ प्राप्त हुईं।

सिद्धार्थ यादव की पार्थिव देह का अंतिम दर्शन

रेवाड़ी के सेक्टर 18 स्थित सिद्धार्थ के घर में उनका पार्थिव शरीर रखा गया, जहां परिजनों, रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। सिद्धार्थ की मां ने बेटे की पार्थिव देह का माथा चूमा, जबकि बहन और अन्य परिजन भी भावुक हो गए। सिद्धार्थ की मंगेतर भी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए वहां पहुंची, जो खुद के लिए एक बेहद कठिन और शोकपूर्ण पल था, क्योंकि सिद्धार्थ की सगाई 23 मार्च को हुई थी और उनकी शादी 2 नवंबर को तय थी।

सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भालखी माजरा में सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनका अंतिम संस्कार उनके पिता, सुशील यादव ने किया, जिन्होंने बेटे को मुखाग्नि दी। यह दृश्य बेहद भावुक था, क्योंकि एक पिता अपने बेटे की शहादत पर शोक से अभिभूत था। सिद्धार्थ के बलिदान को नमन करने के लिए पूर्व मंत्री बनवारी लाल, एसडीएम सुरेंद्र और कई अन्य स्थानीय लोग भी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

शहीद सिद्धार्थ यादव की शहादत के बारे में महत्वपूर्ण बातें

  1. NDA में चयन और वायुसेना में शामिल होना: सिद्धार्थ यादव का चयन 2016 में NDA परीक्षा में हुआ था। इसके बाद उन्होंने भारतीय वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट जॉइन किया। 3 साल के प्रशिक्षण के बाद उन्होंने इस पद को हासिल किया, और बाद में उन्हें फ्लाइट लेफ्टिनेंट के पद पर प्रोमोशन मिला। उनका यह सफर हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।

  2. सगाई के बाद शहादत: सिद्धार्थ की सगाई 23 मार्च को हुई थी और उनका पूरा परिवार उनकी शादी का इंतजार कर रहा था। शादी 2 नवंबर को तय थी, लेकिन 2 अप्रैल को सिद्धार्थ के शहीद होने की खबर से पूरा परिवार सदमे में चला गया। एक तरफ जहां परिवार शादी की खुशियों के लिए तैयार था, वहीं दूसरी ओर यह घटना एक अपूरणीय शोक लेकर आई।

  3. पिता ने नया घर बनवाया था शादी के लिए: शहीद सिद्धार्थ के पिता, सुशील यादव ने अपने बेटे के लिए एक नया घर बनवाया था, जिसमें उनकी शादी होनी थी। यह घर सेक्टर-18 में स्थित था। उनके पिता ने अपने बेटे की शादी के लिए यह घर तैयार किया था, लेकिन अब उस घर में खुशी की जगह शोक का माहौल था।

  4. सेना में परिवार की चार पीढ़ियाँ: सिद्धार्थ यादव का परिवार लंबे समय से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है। उनके परदादा ब्रिटिश सेना के अंडर बंगाल इंजीनियर्स में थे, जबकि उनके दादा पैरामिलिट्री फोर्स में थे। उनके पिता भी वायुसेना में सेवा दे चुके हैं। सिद्धार्थ चौथी पीढ़ी थे, जिन्होंने भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दीं।

जगुआर विमान दुर्घटना में सिद्धार्थ यादव की शहादत

2 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में भारतीय वायुसेना का जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में तकनीकी खराबी आई थी और सिद्धार्थ ने अपने साथी पायलट को विमान से बाहर निकलने का आदेश दिया। इसके बाद, उन्होंने विमान को घनी आबादी से दूर ले जाने की कोशिश की और इसके लिए जान की कुर्बानी दी। सिद्धार्थ की इस बहादुरी को पूरे देश ने नमन किया और उनकी वीरता को याद किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!