हरियाणा कौशल रोजगार को लेकर सुरजेवाला का हमला: 1.10 लाख युवाओं की नौकरी पर संकट, सरकार पर धोखे का आरोप
स्रोत: The Air News | संपादन: यश
हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर भूचाल तब आ गया जब कांग्रेस सांसद और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से लगे हजारों कर्मचारियों की बर्खास्तगी के मुद्दे पर सरकार को घेरा। सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार और नायब सैनी की अगुवाई में राज्य सरकार ने युवाओं के साथ धोखा किया है।
युवाओं की उम्मीदों पर पानी
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा शासन में युवाओं को नौकरियों के नाम पर केवल छलावा मिला है। HKRN के माध्यम से जो लगभग 1.10 लाख युवा विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं, अब उन पर नौकरी खोने का खतरा मंडरा रहा है। खासकर TGT, PGT, संस्कृत अध्यापक, नहर विभाग, वन विभाग, पंचायती राज विभाग जैसे विभागों में लगे हजारों कर्मचारियों की सेवाएं एक झटके में समाप्त की जा रही हैं।
पेपर लीक, भर्ती ठप और ठेका प्रथा
सुरजेवाला ने कहा कि राज्य में भर्ती प्रक्रिया वर्षों से बाधित रही है। जब भी कोई भर्ती निकलती है, तो पेपर लीक हो जाता है। जिन भर्तियों में परीक्षा पूरी हो जाती है, उनमें बाहरी उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कटाक्ष किया कि “भाजपा के राज में हरियाणा में कहावत बन गई है कि अफसर बाहर के और चपड़ासी म्हारे।”
HKRN की नौकरियां और “सिक्योरिटी ऑफ सर्विस” का छलावा
HKRN के माध्यम से लगी 1.20 लाख नौकरियों में से 98% युवाओं की नियुक्ति 2020-21 या उसके बाद हुई है, जिनमें से अधिकांश को 2023 और 2024 के चुनावों के दौरान नियुक्त किया गया। अब, सरकार ने एक नया आदेश जारी कर 31 मार्च 2025 को इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का निर्णय ले लिया है।
25 मार्च 2025 को सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि 31 मार्च 2025 के बाद HKRN के किसी भी कर्मचारी को सेवा में बनाए रखने के लिए HSSC और वित्त विभाग की अनुमति आवश्यक होगी। इसका मतलब है कि यदि मंजूरी नहीं मिली तो नौकरी समाप्त।
15 अगस्त 2019 के बाद लगे युवाओं के लिए बर्खास्तगी तय
सरकार ने दूसरा आदेश जारी कर कहा है कि केवल वे कर्मचारी जो 15 अगस्त 2019 से पहले नियुक्त हुए थे, उन्हें सर्विस सिक्योरिटी दी जाएगी। बाकी सबको ‘फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट’ नीति के तहत हटाया जाएगा। यह युवाओं के साथ खुला धोखा है।
बर्खास्तगी के आंकड़े और प्रभाव
सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार:
- 2 अप्रैल 2025: 252 PGT अध्यापकों की बर्खास्तगी।
- 19 मार्च 2025: नहर विभाग से 128 कर्मचारियों की सेवा समाप्त।
- 31 मार्च 2025: वन विभाग (फतेहाबाद, सिरसा, पानीपत) और पंचायती राज विभाग (करनाल, जगाधरी, छछरौली) में सैकड़ों कर्मचारियों की बर्खास्तगी।
इनके अलावा, अन्य विभागों में भी लगातार आदेश जारी हो रहे हैं और हजारों नौकरियां खतरे में हैं।
युवाओं के मन में असुरक्षा और आक्रोश
सरकारी सेवाओं की यह अनिश्चितता युवाओं को मानसिक तनाव और आक्रोश की ओर ले जा रही है। सुरजेवाला ने कहा कि नौजवानों को पहले से ही बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ रहा है और अब यह नया संकट उनके भविष्य को और अंधकारमय बना रहा है।
चुनावी वादे बनाम हकीकत
सुरजेवाला ने सरकार के वादों को याद दिलाते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री और नायब सैनी ने वादा किया था कि HKRN से लगे किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी। यह कहा गया था कि यह वादा “पत्थर की लकीर” होगा। लेकिन अब वही वादा रेत की दीवार साबित हो गया है।
संविदा प्रथा पर तीखा प्रहार
HKRN जैसी संस्थाओं के माध्यम से युवाओं को ठेके पर रखकर सरकार ने उन्हें स्थायित्व से वंचित किया है। ना ग्रेच्युटी, ना पेंशन, ना सुरक्षा – केवल अस्थायी रोजगार। यह युवाओं के साथ अन्याय और धोखे का प्रतीक है।