हरियाणा में 6.36 लाख BPL परिवारों को अचानक हटाया गया सूची से: साइकिल वाले बने कार मालिक, चुनाव के समय बढ़ाई गई थी संख्या

कैथल | 8 जुलाई 2025 | Sahil Kasoon The Airnews : हरियाणा में सरकार द्वारा एक झटके में 6 लाख 36 हजार से ज्यादा BPL परिवारों को सूची से बाहर कर दिया गया है। अभी 4 महीने पहले तक यह संख्या 52 लाख थी, लेकिन 30 जून 2025 तक यह घटकर 46 लाख 14 हजार रह गई है। सरकार ने दावा किया है कि इन परिवारों की सालाना आय 1.80 लाख रुपये से ज्यादा हो गई है और इनके नाम महंगी गाड़ियाँ दर्ज हैं। मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
6.36 लाख राशन कार्ड रद्द: जिलेवार आंकड़े
| ज़िला | रद्द किए गए कार्ड |
|---|---|
| फरीदाबाद | 20,266 |
| पानीपत | 15,502 |
| करनाल | 15,059 |
| अंबाला | 14,501 |
| गुरुग्राम | 14,301 |
| सोनीपत | 12,498 |
| यमुनानगर | 10,964 |
| कुरुक्षेत्र | 10,278 |
| रोहतक | 9,210 |
| कैथल | 8,783 |
| हिसार | 8,656 |
| सिरसा | 7,896 |
| झज्जर | 7,715 |
| फतेहाबाद | 6,172 |
| जींद | 5,593 |
| भिवानी | 5,298 |
| रेवाड़ी | 4,412 |
| पलवल | 4,384 |
| पंचकूला | 2,785 |
| महेंद्रगढ़ | 2,768 |
| नूंह | 2,604 |
| चरखी दादरी | 1,568 |
BPL कार्ड काटने में सामने आई गड़बड़ियाँ
▶ रेहड़ी वाले के नाम 3 गाड़ियाँ
सिरसा के मनोज कुमार, जो सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं, के नाम पर तीन गाड़ियाँ दर्ज कर दी गईं। उनके पास सिर्फ साइकिल है, फिर भी उनका कार्ड कट गया।
▶ कैथल के धर्म सिंह के बेटे के नाम दिखी गाड़ी
उनके पास केवल एक पुरानी मोटरसाइकिल है, मगर फैमिली ID में बेटे के नाम पर गाड़ी दिखाई गई, जिससे उनका कार्ड निरस्त हो गया।
▶ झज्जर की महिलाओं के नाम पर भी वाहन
सुमन, कांता और सत्यवती — तीनों महिलाएं साइकिल तक नहीं रखतीं, फिर भी फैमिली ID में उनके नाम पर गाड़ियाँ दर्ज हैं और राशन कार्ड रद्द कर दिया गया।
▶ अकेहड़ी निवासी परमजीत के नाम पर भी गाड़ी
परमजीत के परिवार में 8 सदस्य हैं, और उनके पास केवल एक पुरानी बाइक है। फिर भी उनके नाम पर कार दिखाई गई और उनका BPL कार्ड रद्द हो गया।
चुनावी फायदा या योजना?
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लोकसभा चुनाव से पहले और विधानसभा चुनाव के बीच, अचानक 4.84 लाख नए BPL कार्ड बनाए गए।
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जुलाई से अक्टूबर 2024 के बीच ही यह इजाफा हुआ था।
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अब तीसरी बार सरकार बनने के बाद एकाएक इतनी बड़ी संख्या में कार्ड रद्द होना सवाल खड़े कर रहा है।
दो साल पहले पकड़ा गया था फर्जीवाड़े का रैकेट
हिसार में CSC सेंटर संचालकों के एक गिरोह ने ₹2000–₹3000 में फैमिली ID में छेड़छाड़ करके BPL कार्ड बनवाए थे।
इसमें 10 धाराओं में केस दर्ज हुए थे और 7 लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। अब फिर वैसी ही गड़बड़ियाँ सामने आ रही हैं।
सवाल जो सरकार से पूछे जा रहे हैं
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क्या BPL परिवारों की सालाना आय में अचानक इतनी बढ़ोतरी मुमकिन है?
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जिनके पास वाहन नहीं, उनके नाम पर गाड़ी कैसे दर्ज हुई?
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चुनाव के समय कार्डों की संख्या बढ़ाना और बाद में कम करना क्या राजनीति नहीं?
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बिना सर्वे किए फैमिली ID में बदलाव कैसे हो रहे हैं?
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BPL से बाहर किए गए परिवारों को दोबारा कैसे न्याय मिलेगा?




