loader image
Saturday, November 8, 2025

हरियाणा में गुटखा-पान मसाला बैन:बेचने पर लगेगा 10 लाख जुर्माना; हर महीने सामने आ रहे कैंसर के 3000 मरीज

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। खाद्य एवं औषधि विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार अब इन उत्पादों का निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पूरी तरह से रोक दी गई है।

सरकार ने साफ किया है कि प्रतिबंध के बावजूद अगर कोई इन्हें बेचता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि तंबाकू और निकोटिन वाले उत्पाद मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।

केंद्र सरकार पहले ही 2011 में तंबाकू और निकोटिन वाले उत्पादों पर बैन लगा चुकी है। अब हरियाणा सरकार ने भी इन्हें एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।

विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन…

हरियाणा में हर महीने लगभग 2,916 नए कैंसर मरीज सामने आते हैं और सालाना यह संख्या करीब 35,000 हो जाती है। इतना ही नहीं हर महीने लगभग 1,500 मरीज कैंसर जैसी घातक बीमारी से अपनी जान गंवा देते हैं। 30 साल से ऊपर की आबादी में 1 लाख लोगों की जांच में 102 लोगों में कैंसर के लक्षण पाए गए हैं।

गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों में निकोटिन, भारी धातु और अन्य हानिकारक रसायन होते हैं। लंबे समय तक इनके सेवन से मुंह, गला, फेफड़े और शरीर के अन्य अंगों में गंभीर बीमारियां, जैसे कैंसर, हो सकती हैं। इसी कारण सरकार ने जनहित और लोगों की सेहत को बचाने के लिए गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर बैन लगा दिया है।

बेचने के साथ ही स्टोर भी नहीं कर पाएंगे खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग हरियाणा के आयुक्त ने इन आदेशों को एक साल के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिसके तहत अब तंबाकू व निकोटीन (गुटखा, पान मसाला) के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पर प्रतिबंधित रहेगा। इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) और राज्य के अधिकारी लगातार दुकानों और कंपनियों का निरीक्षण करते हैं। उनका काम यह सुनिश्चित करना है कि सभी खाद्य उत्पाद कानून के नियमों के अनुसार ही बने और बेचे जा रहे हों। अगर कोई उत्पाद असुरक्षित या स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाया जाता है, तो अधिकारी उसे जब्त कर सकते हैं।

अगर कोई दुकानदार या कंपनी नियमों का पालन नहीं करती और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह उत्पाद बेचती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। इसका मतलब है कि ऐसे लोगों को कोर्ट में पेश किया जा सकता है और उनके खिलाफ एफआईआर या अन्य कार्रवाई हो सकती है।

 अधिनियम के अनुसार, अगर कोई उत्पाद स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाया जाता है तो दुकानदार पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अन्य मामूली मामलों में जुर्माना 2 लाख रुपए तक हो सकता है। अगर नियम तोड़ने की वजह से किसी की मौत हो जाती है, तो दोषी को 7 साल से लेकर आजीवन जेल की सजा और 10 लाख रुपए से कम का जुर्माना नहीं लगाया जा सकता।

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

Sahil Kasoon

The Air News (Writer/Editer)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!