हरियाणा में ग्रुप-डी कर्मचारियों को नहीं मिल रही ज्वॉइनिंग: मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने जताई नाराजगी, विभागों को निर्देश जारी
The Airnews
हरियाणा में ग्रुप-डी भर्ती को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। वर्ष 2023 में निकाली गई ग्रुप-डी की भर्ती प्रक्रिया में चयनित हुए अनेक उम्मीदवार आज भी अपनी नियुक्ति की बाट जोह रहे हैं। इन चयनित अभ्यर्थियों को दिसंबर 2024 में नियुक्ति आदेश मिलने के बावजूद ज्वॉइनिंग नहीं दी जा रही है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने नाराजगी जाहिर की है और संबंधित विभागों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
भर्ती प्रक्रिया और चयनित अभ्यर्थियों की स्थिति
हरियाणा सरकार ने वर्ष 2023 में ग्रुप-डी के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इस भर्ती प्रक्रिया में राज्य भर के हजारों युवाओं ने हिस्सा लिया और कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद कई उम्मीदवारों का चयन हुआ। हालांकि चयनित उम्मीदवारों को दिसंबर 2024 में नियुक्ति आदेश जारी किए गए, लेकिन आज भी बड़ी संख्या में कर्मचारी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
मुख्य सचिव रस्तोगी द्वारा विभागों को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि 27 दिसंबर 2024 और 15 जनवरी 2025 को नियुक्ति आदेश जारी किए गए थे, बावजूद इसके कई विभागों ने नियुक्त कर्मचारियों को विभिन्न कारणों से कार्यभार ग्रहण नहीं कराया।
मुख्य सचिव के निर्देश: अब टालमटोल नहीं चलेगी
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि अब इस विषय को गंभीरता से लिया जाए और सभी नियुक्त कर्मचारियों को तुरंत ग्रुप-डी पद पर समायोजित किया जाए। उन्होंने कहा है कि यदि किसी विभाग में कोई समस्या है, तो उसे स्पष्ट कारणों के साथ मानव संसाधन विभाग को भेजा जाए।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि यह देखा गया है कि नियुक्ति पोर्टल पर अब तक सही और अपडेटेड जानकारी नहीं डाली गई है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि ज्वॉइनिंग से संबंधित समस्त जानकारी को तुरंत पोर्टल https://recruitment.groupd.csharyana.gov.in/ पर अपडेट किया जाए।
कर्मचारियों की रजामंदी अनिवार्य
मुख्य सचिव के आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि किसी कर्मचारी ने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, तो उसकी सहमति प्राप्त करने के बाद उसे उसी जिले में उपयुक्त पद पर समायोजित किया जाए। यदि फिर भी कोई कर्मचारी कार्यभार ग्रहण नहीं करता है या कोई समस्या आती है, तो उसका मामला स्पष्ट कारणों के साथ निदेशालय, मानव संसाधन विभाग को भेजा जाए।
यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे न केवल नियुक्त कर्मचारियों को राहत मिलेगी बल्कि सरकारी सेवाओं में रिक्त पदों को भी जल्द भरा जा सकेगा।
चयनित अभ्यर्थियों में रोष
इस पूरी प्रक्रिया में सबसे ज्यादा नुकसान उन चयनित अभ्यर्थियों को हुआ है, जो लगभग चार महीने से नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि वे अपने घरों को छोड़कर अन्य जिलों में नौकरी के लिए तैयार हैं, लेकिन विभागों की उदासीनता उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
कई युवा अभ्यर्थियों ने मीडिया से बातचीत में अपनी नाराजगी जताई और सरकार से अपील की कि नियुक्ति आदेश जारी होने के बावजूद उन्हें कार्यभार ग्रहण न कराना उनके हक का हनन है।
राजनैतिक गलियारों में भी हलचल
ग्रुप-डी जॉइनिंग की देरी का मुद्दा अब राजनैतिक बहस का विषय बन गया है। विपक्षी दलों ने इस पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस और अन्य दलों ने आरोप लगाया कि सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर गंभीर नहीं है। वे इसे युवाओं के साथ धोखा बता रहे हैं।
विपक्ष के नेताओं ने यह भी कहा है कि यदि यह मामला शीघ्र नहीं सुलझा तो वे विधानसभा में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएंगे।
भर्ती में पारदर्शिता पर सवाल
भर्ती प्रक्रिया को लेकर पारदर्शिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। अभ्यर्थियों और सामाजिक संगठनों का मानना है कि जब नियुक्ति आदेश जारी हो चुके हैं, तब ज्वॉइनिंग में देरी का कोई औचित्य नहीं है। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाए हैं कि नियुक्ति में राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण जानबूझकर देरी की जा रही है।
ज्वॉइनिंग पोर्टल की स्थिति
मुख्य सचिव द्वारा उल्लेखित पोर्टल पर अब तक कई विभागों ने अपनी जानकारी अपडेट नहीं की है। यह स्थिति न केवल कर्मचारियों को भ्रमित करती है बल्कि इससे राज्य सरकार की नीतियों पर भी प्रश्नचिन्ह लगते हैं। अब देखना यह होगा कि संबंधित विभाग कितनी तेजी से पोर्टल अपडेट करते हैं और नियुक्ति प्रक्रिया को सुचारू रूप से आगे बढ़ाते हैं।