हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: नाइट शिफ्ट में महिलाओं की ड्यूटी से पहले लेनी होगी अनुमति, सुरक्षा के लिए नए दिशा-निर्देश जारी

चंडीगढ़, Sahil Kasoon The Airnews – हरियाणा सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। अब राज्य के सभी प्रतिष्ठानों और कारखानों में महिलाओं से नाइट शिफ्ट (रात्रि पाली) में काम करवाने से पहले उनकी लिखित अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही, प्रतिष्ठानों को यह जानकारी राज्य के श्रम विभाग को भी अनिवार्य रूप से देनी होगी कि उनके यहां कितनी महिलाएं नाइट शिफ्ट में कार्यरत हैं।
नए दिशा-निर्देशों की मुख्य बातें
नाइट शिफ्ट से पहले महिला कर्मचारी की अनुमति जरूरी
किसी भी महिला को रात्रि ड्यूटी पर लगाने से पहले उसकी सहमति लेना आवश्यक होगा। बिना अनुमति के नाइट शिफ्ट में ड्यूटी नहीं लगाई जा सकेगी।
श्रम विभाग को देनी होगी जानकारी
सभी प्रतिष्ठानों को श्रम विभाग को रिपोर्ट देनी होगी कि कितनी महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम कर रही हैं।
महिला सुरक्षा गार्ड अनिवार्य
प्रत्येक शिफ्ट में कम से कम एक महिला सुरक्षा गार्ड की तैनाती आवश्यक होगी।
बैच में कार्य करेंगी महिलाएं
महिलाएं अकेले नहीं बल्कि कम से कम 4 के बैच में कार्य करेंगी। यह प्रावधान उनके सामूहिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से जोड़ा गया है।
परिवहन सुविधा जरूरी
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महिला श्रमिकों के आने-जाने के लिए प्रतिष्ठानों को परिवहन सुविधा देनी होगी।
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वाहन में एक महिला सुरक्षा गार्ड, GPS और CCTV कैमरा होना जरूरी।
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ड्राइवर को प्रशिक्षित और भरोसेमंद होना चाहिए।
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यदि कोई महिला अपनी इच्छा से परिवहन सुविधा नहीं लेना चाहती, तो उसे अनुमति के साथ इससे बाहर किया जा सकता है।
चिकित्सा सुविधा और हेल्पलाइन
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प्रतिष्ठान को कम से कम एक महिला डॉक्टर या नर्स रखना जरूरी होगा या पास के अस्पताल से संपर्क में रहना होगा।
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पुलिस, एंबुलेंस और नजदीकी अस्पताल के नंबर प्रमुख स्थानों पर प्रदर्शित किए जाएं।
यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत कमेटी का गठन जरूरी
सभी प्रतिष्ठानों को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से बचाव हेतु “यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013” के अंतर्गत आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaints Committee) का गठन करना होगा।
यह सभी दिशा-निर्देश महिला गार्ड, सुपरवाइजर, प्रभारी और सभी महिला कर्मचारियों पर लागू होंगे। हरियाणा सरकार का यह कदम कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा, गरिमा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।




