हिसार पहुंचा रूस-यूक्रेन युद्ध में मारे गए युवक का शव:मदनहेड़ी में किया गया अंतिम संस्कार; साथी अभी भी रूस में फंसा
हिसार जिले के मदनहेड़ी गांव निवासी 28 वर्षीय सोनू का पार्थिव शरीर बुधवार को गांव पहुंचा। उसकी मौत रूस-यूक्रेन युद्ध में हुई थी। सोनू के शव के पहुंचते ही पूरे गांव में मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था और ग्रामीणों की आंखें नम थीं। गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा रहा।
सोनू के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा। आसपास के गांवों से भी सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इस दौरान नारनौंद से कांग्रेस विधायक जस्सी पेटवाड़ भी गांव पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया और इसे एक बड़ा नुकसान बताया। विधायक ने केंद्र और राज्य सरकार से इस मामले का संज्ञान लेने तथा वहां फंसे अन्य युवाओं को सुरक्षित निकालने की अपील की।

गांव में नहीं जले चूल्हे, युवाओं ने निकाला शोक मार्च सोनू के शव के गांव पहुंचने की सूचना मिलते ही पूरे गांव में किसी ने चूल्हा नहीं जलाया। हर व्यक्ति दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़ा नजर आया। युवाओं ने सोनू की याद में शोक मार्च भी निकाला।
ग्रामीणों और परिवार का आरोप है कि सोनू को धोखे से रूस की सेना में भर्ती कर युद्ध में भेजा गया था। परिवार ने बताया कि सोनू मई 2024 में रूसी भाषा का कोर्स करने रूस गया था, लेकिन वहां उसे जबरन सेना में शामिल कर लिया गया।
सोनू के चचेरे भाई अनिल ने बताया कि रूसी आर्मी के कमांडर का फोन आया था, जिसमें यूक्रेन के ड्रोन हमले में सोनू की मौत की जानकारी दी गई। उनका शव एयरलिफ्ट कर भारत भेजा गया।

साथी अमन अब भी रूस में फंसा गांव का ही एक और युवक अमन भी सोनू के साथ रूस गया था। कुछ दिन पहले उसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उसने बताया कि उसे गार्ड की नौकरी का झांसा देकर रूस बुलाया गया, लेकिन बाद में जबरन रशियन आर्मी में भर्ती कर युद्धभूमि पर भेज दिया गया।
अमन ने वीडियो में कहा था कि वहां के हालात बहुत खराब हैं, कभी भी मौत हो सकती है। उसके सामने कई लोग मारे जा चुके हैं।
परिवार ने भारत सरकार से लगाई गुहार सोनू के परिवार ने शव की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि भेजा गया शव पहचान में नहीं आ रहा। परिवार ने भारत सरकार से जांच कराने और रूस में फंसे अन्य युवकों की वतन वापसी की मांग की है।
गांव में अब सिर्फ एक ही चर्चा है — सोनू चला गया, अब अमन को कैसे बचाया जाए। हर चेहरे पर शोक और हर दिल में सवाल है कि आखिर हरियाणा के बेटे विदेशी जंग में क्यों मर रहे हैं।




