
कैथल में दो ठगी के मामले: एक ने विदेश भेजने के नाम पर ठगा, दूसरे ने प्लॉट रजिस्ट्री से किया धोखा
The Air News | कैथल | संपादन: यश
हरियाणा के कैथल जिले में पुलिस ने दो अलग-अलग ठगी के मामलों में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों मामलों में आरोपियों ने लोगों से लाखों रुपये की ठगी की। पहला मामला विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी का है, जबकि दूसरा मामला प्लॉट बेचने के नाम पर रकम हड़पने से जुड़ा है। कैथल पुलिस की सक्रियता से इन मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
विदेश भेजने के नाम पर 26 लाख रुपये की ठगी
गांव संगरौली निवासी सुरेंद्र कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई कि वह और उसके ताऊ का बेटा विदेश जाकर काम करना चाहते थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात जिला करनाल के गांव गढ़ी बीरबल निवासी विकास कुमार से हुई। विकास ने दावा किया कि वह युवाओं को विदेश भेजने का कार्य करता है और उसने ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर प्रत्येक से 25-25 लाख रुपये मांगे।
सुरेंद्र और उसके ताऊ के बेटे ने विकास को रुपये दे दिए। शुरुआत में आरोपी ने उन्हें दुबई भेज दिया और कहा कि वहीं से उनका ऑस्ट्रेलिया का वीजा लगवाया जाएगा। दोनों युवक तीन महीने तक दुबई में रहे। इसके बाद उन्हें भारत वापस बुला लिया गया।
25 दिसंबर 2023 को आरोपी ने एक बार फिर उन्हें दुबई भेजा और कहा कि इस बार वीजा 12 से 20 दिनों में लग जाएगा। लेकिन इसके बाद दोनों युवकों को दुबई से चार अन्य देशों में घुमाया गया और अंत में फिर से दुबई वापस भेज दिया गया। इस प्रक्रिया में उनका कुल 7.20 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च हो गया।
आखिरकार, 11 अप्रैल 2024 को सुरेंद्र भारत वापस लौट आया जबकि उसके ताऊ का लड़का अभी भी दुबई में है। शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी विकास के साथ-साथ प्रीतम और अमनदीप नामक दो अन्य लोगों ने भी इसमें सहयोग किया। तीनों ने मिलकर कुल 26 लाख रुपये हड़प लिए और ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा पूरा नहीं किया।
पुलिस ने आरोपी विकास को गिरफ्तार कर लिया है और उसे पूछताछ के लिए दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
प्लॉट रजिस्ट्री न करवाकर हड़पे सात लाख रुपये
दूसरे मामले में गांव सेरधा निवासी जिले सिंह ने गांव खेड़ी शेरखां निवासी कर्मबीर सिंह और राजौंद निवासी ओमप्रकाश पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। जिले सिंह ने बताया कि उसने राजौंद में 90 वर्ग गज का एक प्लॉट खरीदने की बात इन दोनों से की थी। 4 जून 2024 को आरोपियों ने उसके नाम बेनामा करवा दिया, जिसके बदले 3 जून को ही ओमप्रकाश के बैंक खाते में 7 लाख रुपये जमा करवा दिए गए।
बेनामा के बाद जब जिले सिंह ने प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने की बात कही तो आरोपियों ने इंकार कर दिया। उन्होंने दावा किया कि उनके नाम पर ऐसा कोई प्लॉट है ही नहीं। जब पीड़ित ने दस्तावेज और बैंक ट्रांजैक्शन दिखाकर पूछा तो वे टालमटोल करने लगे।
इस धोखाधड़ी के बाद जिले सिंह ने संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी कर्मबीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जबकि ओमप्रकाश की तलाश की जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई और जनता को संदेश
कैथल पुलिस द्वारा दोनों मामलों में तत्परता दिखाना प्रशासन की सजगता का परिचायक है। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, आमजन को इस प्रकार की ठगी से सतर्क रहने की आवश्यकता है। विदेश भेजने के नाम पर या संपत्ति बेचने के नाम पर की जा रही धोखाधड़ी के मामलों में लोगों को पूरी जांच-पड़ताल करने के बाद ही कोई बड़ा कदम उठाना चाहिए।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।